”चाहे हमारी टीम जिस भी हाल में हो, हमने एक, दो या तीन विकेट खो दिए हों, मैं अपनी लय में बल्लेबाजी पर भरोसा करती हूं. मैं थोड़ा भी टेंशन नहीं लेती. मेरा मानना है कि अगर कोई गेंद बाउंड्री के बाहर पहुंचाने के लायक है, तो मैं मौका नहीं चूकती.”
ये कहना है हरमनप्रीत कौर का, जिन्होंने महिला वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जादुई पारी खेलकर भारत को फाइनल में पहुंचाया. 115 गेंदों में नाबाद 171 रन की पारी खेलने वाली हरमनप्रीत ने 7 छक्के और 20 चौके जमाए.
हरमनप्रीत ने कहा कि ज्यादातर मौकों पर देखा गया है कि टीम ने अगर अपने शुरुआती विकेट खो दिए. तो वह बैकफुट पर आ जाती है. लेकिन 28 साल की हरमनप्रीत ने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा, क्योंकि वह जब क्रीज पर आईं, तो भारत ने 35 रनों पर दो विकेट खो दिए थे.
उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद मैने पारी एंजॉय की, मैंने इस दौरान भागकर एक और दो रन लिए. लेकिन बाउंड्री ने मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ाया. कुल मिलाकर यही कहना चाहूंगी कि जब भी मैंने चौके या छक्के लगाए आत्मविश्वास बढ़ता गया और मैं अच्छा महसूस करने लगी.
ऐसे बने हरमनप्रीत के 171* रन 115 गेंदों में
डॉट बॉल 43
1 रन : 41
2 रन : 4
चौके: 20
हरमन का धमाका
1st 50- 64 गेंदों में
2nd 50- 26 गेंदों में
3rd 50- 17 गेंदों में
आखिरी 21- 8 गेंदों में