ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के पुण्‍यतिथि समारोह में शामिल होने के सीएम योगी कल पहुंचेंगे गोरखपुर

ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के पुण्‍यतिथि समारोह में शामिल होने के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ रविवार की सुबह गोरखपुर पहुंचेंगे। 31 अगस्‍त से शुरू होने वाले सात दिवसीय पुण्‍यतिथि समारोह से एक दिन पूर्व शुरू होने वाली श्रीराम कथा यज्ञ के शुभारंभ कार्यक्रम में वह सम्‍मलित होंगे। छह अगस्‍त को पुण्‍यतिथि समारोह के समापन से एक दिन पूर्व रामकथा का समापन होगा। रामकथा यज्ञ में सम्‍मलित होने के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पुण्‍यति‍थि समारोह की तैयारियों का जायजा लेंगे। इस दौरान मंदिर प्रबंधन और आयोजन समिति के साथ उनकी बैठक भी होगी। 31 अगस्‍त से समारोह की आनलाइन शुरुआत कराने के बाद मुख्‍यमंत्री के लखनउ लौटने कार्यक्रम है। मंदिर प्रबंधन ने मुख्‍यमंत्री के आने के कार्यक्रम की पुष्टि की है, लेकिन लौटने के बारे में कोई स्‍पष्‍ट जानकारी नहीं है।

मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में स्थापित व्यासपीठ पर कथावाचक के रूप में अयोध्या के स्वामी श्रीराघवाचार्य विराजमान होंगे। कथा की शुरुआत 30 अगस्त को दोपहर 2ः30 बजे कथा शोभायात्रा के साथ होगी। शोभायात्रा गुरू श्रीनाथ जी के मंदिर से निकलकर कथा स्थल पर जाकर समाप्त होगी, जहां अखंड ज्योति की स्थापना के बाद कथाव्यास व्यासपीठ पर प्रतिष्ठित होंगे। कथा शाम तीन से छह बजे के बीच सुनाई जाएगी। सभी आयोजनों का लाइव प्रसारण मंदिर के फेसबुक पेज और यूट्यूब से होगा। मंदिर प्रबंधन ने इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली है।

श्रद्धांजलि सभा और श्रीराम कथा में होगी 80 लोगों की मौजूदगी

कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिजिकल डिस्टेंसिंग के पालन के क्रम में श्रद्धांजलि सभा और श्रीराम कथा में सीधे तौर पर सिर्फ 80 लोग ही मौजूद रहेंगे। इसके लिए दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में छह-छह फीट की दूरी पर कुर्सियां लगाई जाएंगी। इन कुर्सियों पर बैठने वालों के नाम भी तय होंगे।

समाधि स्थल पर होगा अखंड मानस पाठ

पुण्यतिथि समारोह के दौरान श्रद्धाजलि सभा के पहले दिन से पूरे विधि-विधान से रामचरित मानस के अखंडपाठ की परंपरा है। अखंड पाठ का आयोजन दोनों ब्रह्मलीन महंतों के समाधि स्थल पर किया जाएगा।

तिथिवार गोष्ठी का विषय व वक्ता

31 अगस्त: श्रीराम जन्मभूमि का निर्माण नए युग का आरंभ- महत्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल व भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक डाॅ. ओमजी उपाध्याय। 01 सितंबर: स्वच्छ भारत अभियान व हमारा स्वास्थ्य- पूर्व औषधि महानियंत्रक डाॅ. जीएन सिंह। 02 सितंबर: सामाजिक समरसता और संत समाज- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसर कार्यवाह डाॅ. कृष्ण कुमार व उच्चतर सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा। 03 सितंबर: संस्कृत व भारतीय संस्कृति- उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित व उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सदानंद गुप्त। 04 सितंबर: भारतीय संस्कृति व गो-सेवा- उत्तर प्रदेश गो-सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंदन सिंह व गीता प्रेस के उत्पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी। 05 सितंबर: ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ का श्रद्धांजलि समारोह। 06 सितंबर: ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ का श्रद्धांजलि समारोह।

 

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