नई दिल्ली: जमीन पर बड़े से बड़े टार्गेट को पल भर में तबाह करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल का अगले सप्ताह परीक्षण किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना और डीआरडीओ दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के परीक्षण की तैयारी कर रहे हैं।
भारतीय वायुसेना के सूत्रों के अनुसार हम इस मिसाइल के परीक्षण के लिए गंभीर है। यह जमीन पर मौजूद अपने टार्गेट को एक झटके में तबाह कर सकती है। इससे बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक को बिना दुश्मन की सीमा पार किए अंजाम दिया जा सकता है। वायुसेना के सूत्रों के अनुसार इस मिसाइल का परीक्षण अगले सप्ताह देश के दक्षिणी हिस्से में किया जा सकता है।
डीआरडीओ द्वारा विकसित ब्रह्मोस मिसाइल का ये परीक्षण सुखोई लड़ाकू विमान से हो सकता है। सूत्रों के अनुसार एयरफोर्स की योजना है कि 40 सुखोई 30 लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस मिसाइल फिट किया जाए, ताकि जरूरत पडऩे पर लंबी दूरी से ही इसका इस्तेमाल दुश्मन के खिलाफ किया जा सके। बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय भारतीय वायुसेना ने ं जैश ए मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया था।
इसमें मिराज 2000 फाइटर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया था। ब्रह्मोस की उपलब्धता से सबसे बड़ा फायदा भारतीय सुरक्षाबलों को होगा। वह बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक भारतीय सीमा में 150 किमी अंदर रहकर कर सकते हैं। इस क्रूज मिसाइल का पहला परीक्षण बंगाल की खाड़ी में जुलाई 2018 में किया गया था। ब्रह्मोस मिसाइल में कई और खूबियां जोड़ी जाएंगीं।
फाइटर प्लेन में इन मिसाइलों का इस्तेमाल करने में आसानी हो इसलिए इन्हें और हल्का बनाया गया है। अगले सप्ताह सफलतापूर्वक परीक्षण करने और इसे सुखोई में शामिल करने के बाद इन मिसाइलों की स्ट्राइक रेंज और इनके द्वारा घातक प्रहार करने की इनकी शक्ति की वजह से वायुसेना की मारक क्षमता में व्यापक इजाफा होगा।