आम बजट में केंद्र सरकार ने 3 लाख रुपये या उससे अधिक के कैश लेनदेन पर पाबंदी का प्रस्ताव रखा था। अब सरकार कैश लेनदेन की सीमा को 3 से घटाकर 2 लाख रुपये तक सीमित करने की तैयारी कर रही है।
मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए वित्त संशोधन विधेयक में इसका प्रस्ताव रखा गया है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने ट्वीट कर सरकार के इस कदम की जानकारी दी है।
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केंद्र सरकार ने ब्लैक मनी पर लगाम कसने को लेकर गठित एसआईटी की सिफारिश के आधार पर 3 लाख से अधिक के कैश ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाई थी।
बजट के दौरान सरकार ने इस प्रावधान का ऐलान किया था। इस नियम की शुरुआत 1 अप्रैल से ही की जानी थी, लेकिन अब कैश ट्रांजैक्शन की सीमा 2 लाख रुपये हो गई है। यानी अब आप यदि किसी से 2 लाख या उससे अधिक का कैश स्वीकार करते हैं तो आपको 100 पर्सेंट जुर्माना चुकाना होगा।
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इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि यदि आप चार लाख रुपये कैश लेते हैं तो आपको 4 लाख रुपये का ही जुर्माना देना होगा। इसी तरह 50 लाख रुपये नकद लेने पर जुर्माना राशि 50 लाख रुपये होगी। यह जुर्माना उस व्यक्ति पर लगेगा, जो नकद स्वीकार करेगा। सरकार का मानना है कि बड़े पैमाने पर कैश ट्रांजैक्शंस को रोके जाने से काले धन के बनने की प्रक्रिया को रोका जा सकेगा।
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500 के नोटों की छपाई पर अधिक जोर : इस बीच आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार इस समय 500 और उससे छोटे नोटों की ज्यादा से ज्यादा प्रिंटिंग और सप्लाई पर ध्यान दे रही है। इससे आपके पास छोटी करंसी पर्याप्त मात्रा में होगी। 2,000 के नोटों की अधिकता पर चिंता जताई जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा।