आमतौर पर लोग बीमार पड़ने पर ही डॉक्टर से पूछते हैं कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ होने पर भी किसी को कैसा खाना खाना चाहिए और किन चीजों से पूरी तरह परहेज करना चाहिए, यह बात आपके ब्लड ग्रुप पर निर्भर करती है। अगर अपने ब्लड ग्रुप के हिसाब से डायट का चुनाव किया जाए तो सेहतमंद रहने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है…
वैज्ञानिकों के अनुसार, हर ब्लड ग्रुप का एक खास एंटिजन मार्कर होता है। यह मार्कर विशेष खाद्य पदार्थों को पचाने में सहायता करता है। खाने-पीने की अलग-अलग चीजों के साथ एंटिजन मार्कर की प्रतिक्रिया भी अलग-अलग होती है। लिहाजा, अपने ब्लड ग्रुप के अनुसार एंटिजन को पहचान लिया जाए तो स्वास्थ्य और पाचन सम्बन्धी कई समस्याएं खुद-ब-खुद खत्म हो जाती हैं।
जिन लोगों का ब्लड ग्रुप A+ या A- होता है उन्हें हरी सब्जियां, अंकुरित दालें, साबुत अनाज, फलियां, ड्राई फ्रूट्स खूब खाने चाहिए। बर्गर और चाईनीज नूडल्स भी खा सकते हैं। दूध से बने पदार्थ और मीट खाने से इन ब्लड ग्रुप वालों का वजन जल्दी बढ़ने के आसार रहते हैं। साथ ही इनका पाचन तंत्र भी बेहद नाजुक माना जाता है।
जिन लोगों का ब्लड ग्रुप बी होता है, वे अलग-अलग तरह की चीजें खा सकते हैं। इनमें मांस-मछली से लेकर विभिन्न सब्जियां तक शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप बी होता है, उन्हें हर प्रकार का भोजन सूट करता है। लेकिन पैकेट बंद पदार्थों से दूर रहें और मक्का, मूंगफली, तिल आदि का सेवन भी कम ही करें।
इस ब्लड ग्रुप के लोगों को अधिक से अधिक प्रोटीन का सेवन करना चाहिए लेकिन रेड मीट और स्मोक्ड मीट से दूर रहना चाहिए। टोफू, मछली, सब्जियां, कार्बोहाइड्रेट्स, दूध, दही व दूध से बने पदार्थों का सेवन कर वे हेल्दी रह सकते हैं। आप मिश्रित आहार ले सकते हैं। इसके अलावा कैफीन और शराब से ज्यादा से ज्यादा परहेज करें।
इस ब्लड ग्रुप के लोगों को हाईप्रोटीन डायट लेनी चाहिए जिसमें लीन मीट-मछली भी शामिल है। इस ब्लड ग्रुप के लोगों को पेट की समस्या अक्सर होती रहती है, लिहाजा इन्हें दूध के उत्पादों का सेवन कम से कम करना चाहिए। अनाज और बीन्स भी ज्यादा नहीं खाने चाहिए।