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ऐसे फंगस इन्फेक्शन के शिकार होने वालों में ज्यादातर बैंक स्टाफ हैं। डॉक्टरों का कहना है कि एटीएम की लाइन में लगे जो लोग बीमार लोगों के संपर्क में आ रहे हैं, उनका इन्फेक्शन भी दूसरे तक पहुंच रहा है। खासकर जब लोग एटीएम का कीपैड इस्तेमाल करते हैं तो वहां इन्फेक्शन छोड़ देते हैं, जो दूसरे लोगों तक पहुंच रहा है।
इन दिनों 500 और 1000 के पुराने नोट जमा कराने के लिए काफी संख्या में लोग बैंक पहुंच रहे हैं। इन्फेक्शन एक्सपर्ट डॉक्टर नरेंद्र सैनी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कई बैंक स्टाफ इलाज के लिए उनके पास आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले तो उनकी बीमारी की वजह पर ध्यान नहीं गया, लेकिन जब कई लोगों में फंगस इन्फेक्शन पाया गया तो हमने इन सभी के बारे में पता किया।
बातचीत में इन्फेक्शन के शिकार लोगों ने डॉक्टर को बताया कि वे बैंक में काम करते हैं और आजकल दिन भर नोट गिनने में लगे रहते हैं। डॉक्टर सैनी ने कहा कि ज्यादातर लोग बता रहे थे कि 500 और 1000 के कई नोट इतने पुराने होते हैं कि उनमें फंगस रहता है।
डॉक्टर सैनी ने कहा कि कुछ लोग मुंह से सलाइवा लेकर नोट गिनते हैं, जिससे नोट पर जमा फंगस और बैक्टीरिया उनकी बॉडी में आसानी से पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ मरीजों ने बताया कि पुराने नोट से एक तरह की स्मेल आती है। इससे साफ पता चलता है कि यह फंगस की वजह से है।
डॉक्टरों ने कहा कि फंगस की वजह से कुछ लोगों में एलर्जी हो जाती है, जिससे उन्हें छींक आने लगती है। ऐसे लोगों को मास्क लगाकर काम करना होगा। जो लोग अंगूठे में सलाइवा लेकर नोट की गिनती करते हैं, उन्हें अपनी आदत बंद करनी होगी। खाना खाने से पहले अच्छी तरह से हाथों को धो लें।