आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपती की नौकरानी भारती मंडल प्रमुख गवाहों में शामिल है। 16 मई की सुबह उसी के पहुंचने पर तलवार दंपती को बेटी आरुषि की हत्या का पता चला था। शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान भारती ने उस सुबह हुए घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी।
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भारती मंडल ने बताया कि वह 15 मई 2008 को (हत्या से एक दिन पहले) छुट्टी पर थी। 16 मई 2008 की सुबह छह बजे वह एल-32 सेक्टर-25 फ्लैट पर पहुंची। उसने पहले घंटी बजाई, लेकिन गेट नहीं खुला। इसके बाद वह सीढ़ियों के पीछे रखी पोछे की बाल्टी लेने चली गई। कुछ देर बाद लौटी तब भी दरवाजा बंद था।
उसने फिर घंटी बजाई तो डॉ. नूपुर तलवार गेट पर आईं। नूपुर ने उससे पूछा कि हेमराज कहां है। उसने हेमराज के बारे में जानकारी होने से मना कर दिया।
बावजूद उसने कहा कि वह उसे चाबी दे दें। अगर गेट लॉक होगा तो उसे चाबी लेने फिर नीचे आना पड़ेगा। इस पर नूपुर ने बालकनी से नीचे चाबी फेंक दी थी। चाबी लेकर भारती दोबारा ऊपर आई तो बाहर लगा लोहे का दरवाजा भिड़ा हुआ था।
अंदर लगा लकड़ी का जाली वाला दरवाजा बाहर से बंद था। वह कुंडी खोलकर अंदर गई तो तलवार दंपती मुख्य गेट के पास स्थित आरुषि केकमरे के गेट के पास खड़े होकर रो रहे थे।
नुपूर ने शव पर पड़ी चादर हटाकर दिखाया
उसने रोने की वजह पूछी तो नूपुर उसके गले लग गईं। वह उसे आरुषि के कमरे में लेकर गई और उसके शव पर पड़ी चादर को हटाकर दिखाया। इसके साथ ही नूपुर ने भारती से कहा कि कोई उनकी बेटी का गला काटकर चला गया है।
भारती के मुताबिक इसके बाद उसने तलवार दंपती से पूछा कि वह किसी को बुला लाए तो उनके कहने पर वह नीचे के दो फ्लैट में रहने वाले लोगों को बुलाने गई थी। कुछ देर वहां रहने के बाद लगभग सात बजे वह दूसरे घर में काम करने चली गई थी।
उसे नहीं पता कि आरुषि को किसने मारा है और कोर्ट का फैसला सही है या गलत।
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