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रिजल्ट में बलवंत राय मेहता के पक्ष में आया और ऐसा सही भी था, क्योंकि उन्होंने पंचायती राज की जड़े मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी।
हालांकि, बलवंत राय मेहता ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्हें दुश्मनों ने हवाई हमले में मारा था। बात सितंबर 1995 की है, जब पाकिस्तान के फाइटर जेट ने मेहता के प्लेन को अपना निशाना बनाया था। हादसा कच्छ के रण में हुआ था, उस समेय मेहता बीचक्राफ्ट नाम के प्लेन में अपनी पत्नी, तीन स्टाफ मेंबर, एक पत्रकार और दो क्रू मेंबर्स भी मौजूद थे।
दरअसल, इस वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का माहौल गर्म था और पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने की हर कोशिश में जुटा हुआ था। सूत्रों की माने तो मेहता के कच्छ बॉर्डर पर जाने से पहले उन्हें मीठापुर में रोका गया था। इस बीच जब मेहता का प्लेन मीठापुर से निकला तो पाकिस्तानी पायलेट कैश हुसैन ने उनके प्लेन को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया।
रिपोर्ट्स की मानें तो इस समय पायलट हुसैन 25 साल का था और उसने करीब 3000 फीट की ऊंचाई पर ही मेहता के प्लेन पर हमला किया था। ये यही वक्त था जब हुसैन पाकिस्तानी आर्मी की तरफ से हमले की अनुमति मिलने का इंतजार कर रहा था। जब हुसैन हमला करने जा रहा था उस समय मेहता के पायलट ने हवा में प्लेन की विंग्स हिलाकर दया मांगी थी ।
लेकिन हुसैन ने ऑर्डर मिलने के बाद मेहता के प्लेन पर हमला कर दिया। 46 साल बाद पाकिस्तान फाइटर एयरक्राफ्ट के पायलट ने बीचक्राफ्ट प्लेन के पायलट की बेटी को माफीनामा भेजा।