यूपी समेत देश भर के पेट्रोल पंपों पर चोरी करने वाली इलेक्ट्रॉनिक चिप चीन से आती थी। चिप की प्रोग्रामिंग करके यूपी समेत अन्य राज्यों ही नहीं दक्षिण अफ्रीका और आबूधाबी भी सप्लाई किया जाता था। यह खुलासा कर्नाटक के हुबली से गिरफ्तार रैकेट के मुख्य सरगना प्रकाश नूलकर ने किया गया। सोनिया ने 10 सदस्यीय मीडिया रणनीति ग्रुप का किया गठन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी होंगे इसमें शामिल…
ठाणे के पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने बताया नूलकर कोरियर के जरिए विदेशों में चिप की सप्लाई करता था। उसने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में दो और गोवा में एक पेट्रोल पंप खुद चलाने के लिए लिया था। पुलिस आयुक्त ने कहा कि यूपी एसटीएफ ने बीते 27 अप्रैल को लखनऊ में पेट्रोल पंप की डिस्पेंसिंग मशीनों में चिप लगाकर तेल चोरी करने के रैकेट का भंडाफोड़ किया था।
इसके बाद यूपी एसटीएफ की टीम ने आरोपी विवेक शेट्ये को डोंबिवली से और दूसरे आरोपी को पुणे से गिरफ्तार किया था। परमवीर सिह ने बताया कि नूलकर पेट्रोल पंपों के डिस्पेंसर यूनिट में पल्सर इलेक्ट्रॉनिक किट, माइक्रो कंट्रोलर कार्ड, और कैलिब्रेशन मशीन में चेंज करने के लिए खुद ही आई सी ((इंटिग्रेटेड सर्किट) बनाता था
और इसे पेट्रोल पंप के मालिकों और मैनेजरों को 25 से 50 हजार रुपए बेचता था। यह पैसा व एकमुश्त या तीन से पांच हजार की किस्त में वसूलता था।
पंप बनाने वाली कंपनियों पर भी नजर
आरोपी विवेक शेट्ये टोक्हेम कंपनी में तो प्रकाश नूलकर मेड्को कंपनी में 1987 से 2000 तक यानी 13 वर्ष काम कर चुका है। इसके बाद दोनों चिप में आईसी बनाने का गोरखधंधे में आ गए थे। अब तक इन कंपनियों के 12 टेक्नीशियन और तीन सॉफ्वेयर इंजीनियर पकडे गए हैं।
आईजी कानून व्यवस्था हरिराम शर्मा ने बताया कि 27 अप्रैल से शुरू हुई कार्रवाई में अब तक 15 चिप, 23 रिमोट, 12 डिस्पेंसिंग यूनिट के पल्सर और कलस्टर कार्ड और 1.83 लाख रुपये बरामद किए थे। उन्होंने बताया कि अब तक सात पेट्रोल पंपों के लाइसेंस कैंसिल किए जा चुके हैं, सात के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं और 21 पेट्रोल पंप के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।