नोटबंदी के बाद अघोषित आय का खुलासा करने के लिए लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत 21 हजार लोगों ने 4,900 करोड़ रुपये मूल्य के कालेधन की घोषणा की। सरकार ने इस योजना के जरिए अघोषित आय का खुलासा करके उस पर कर और जुर्माने का भुगतान करने वाले लोगों को बेदाग होने का एक मौका दिया था। Big Breaking: अब लखनऊ में ब्लू व्हेल गेम ने ली आठवीं के छात्र की जान!
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग ने इन घोषणाओं के जरिए कर के रूप में अब तक 2,451 करोड़ रुपये प्राप्त किए। उसने कहा कि पीएमजीकेवाई के तहत 21 हजार लोगों ने 4,900 करोड़ रुपये कालाधन की घोषणा की। इस साल 31 मार्च को बंद हुई इस योजना का यह अंतिम आंकड़ा है।
अधिकारी ने यह भी कहा कि आयकर विभाग कालेधन की घोषणा के कुछ मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है। सरकार ने योजना की शुरूआत पिछले साल दिसंबर में की थी ताकि कालाधन रखने वाले कर और 50 प्रतिशत जुर्माना देकर बेदाग हो सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से हटाए जाने की घोषणा के बाद योजना का एलान किया था। सरकार ने इस योजना को कालाधन रखने वालों के लिये बेदाग होने का आखिरी मौका बताया था।
योजना के तहत 49.9 प्रतिशत कर, अधिभार और जुर्माना देना था। साथ ही कुल अघोषित आय का 25 प्रतिशत ऐसे खाते में चार साल तक रखना था जिसमें कोई ब्याज नहीं मिलेगा।