New Delhi: आज भारत खुद विकसित देश की श्रेणी में शामिल होने के सपने देख रहा है लेकिन यहां के गांवों में आज भी सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपराए विद्यमान हैं।मां को इस हालत में देख बेटे से रहा नहीं गया- और फिर जो हुआ वो चौंकाने वाला था….
कभी-कभी ये परंपराएं ऐसी होती हैं जिन्हें सुनकर और देखकर कोई भी सन्न रह जाए। जीं हां हम आपको बताने जा रहे हैं हिमाचल प्रदेश के पीणी गांव की एक स्टोरी जहां की परंपरा को सुनकर आप दंग रह जाएंगे।
आपको जानकारी के लिए बतादें कि हिमाचल प्रदेश की मणिकर्ण घाटी स्थित पीणी गांव में आज भी सदियों पुरानी परंपरा कायम है। यही नहीं इस परंपरा में यहां के लोगों को पूरा विश्वास भी है।
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कहते हैं कि शादी-विवाहों के दौरान महिलाओं का मजाक और पत्नी-पति में नोंकझोंक एक आम बात होती है लेकिन इस गांव का मामला तो बिल्कुल ही उल्टा है।
दरअसल पीणी गांव में जो रिवाज सदियों से चला रहा है उसमें हर साल पति अपनी पत्नी से पांच दिनों तक बात नहीं करता है। यही नहीं यहां की महिलाएं साल के पांच दिन बिना कपड़ों के रहती हैं। ये महिलाएं अपना हर काम बिना कपड़ों के ही करती हैं।
इस गांव के बड़े बुजुर्गों का मानना है कि अगर इस गांव की महिलाएं ऐसा नहीं करती हैं तो कुछ ना कुछ अशुभ जरूर हो जाता है। यहां के लोग पांच दिनों तक शराब को हाथ तक नहीं लगाते हैं।
आप इस बात को जरूर सोच रहे होंगे कि ऐसी कैसी परंपरा जिसमें साल के पांच दिन बिना कपड़ों के रहना पड़ता है। साल के आखिर किन दिनों में इस गांव की महिलाओं को ऐसा करना पड़ता है। आपको जानकारी के बतादें कि अगस्त महीने की 27 से 21 तारीख तक इस गांव की महिलाओं को नंगा रहना पड़ता है। इसे काला महीना भी कहा जाता है।
यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि जिन दिनों पीणी गांव में राक्षसों को आतंक था तक यहां लाहुआ घोड देवता यहां आए थे और राक्षसों का विनाश किया था। भाद्रो संक्रांति को ही काला महीना कहा जाता है। तब से ये परंपरा आज तक कायम है।