भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर एक साल के भीतर दूसरी बार अपने शौर्य को देश और दुनिया के सामने प्रदर्शित किया। आपातकालीन स्थिति में संकरी और कम संसाधन वाली हवाई पट्टी का उपयोग करने के मकसद से वायुसेना ने भारी भरकम मालवाहक विमान सी-130 सुपर हरक्यूलिस और सबसे खतरनाक जंगी जहाजों मिराज, सुखोई और जगुआर को उतारने का अभ्यास किया।
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एक्सप्रेस वे की हवाई पट्टी पहली बार हरक्यूलिस जैसे विमान के उतरने की गवाह भी बनी। दो घंटे से अधिक समय तक चला लड़ाकू जहाजों का यह सैन्य अभ्यास गरुड़ कमांडो की निगरानी में हुआ। सेंट्रल एयर कमांड बमरौली इलाहाबाद की अगुवाई में हुए इस अभ्यास के साथ ही वायु सेना ने यह साबित करने का प्रयास किया कि वह ‘ढाई मोर्चे’ पर लड़ने को तैयार है।
भारतीय वायु सेना की एक्सप्रेस वे को बतौर हवाई पट्टी इस्तेमाल करने की रणनीति को पाकिस्तान ने भी अपनाने की कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि पाकिस्तान अब तक सिर्फ एक बार यह कारनामा करने में सफल रहा है।
वायु सेना के सूत्र बताते हैं कि भारतीय सेना की देखा देखी पाकिस्तान ने पहली बार सितंबर 2016 में लाहौर-इस्लामाबाद हाईवे पर अपना लड़ाकू विमान दौड़ाया था। बताते हैं कि पाकिस्तान भी ऐसे टैक्सी ट्रूूप विकसित कर रहा है।
भारतीय वायु सेना ने पहली बार 21 मई 2015 को यमुना एक्सप्रेस वे पर अपना पहला लड़ाकू विमान उतारा था। देश का पहला टैक्सी ट्रूप यमुना एक्सप्रेस वे पर ही विकसित हुआ था। हालांकि पहली बार में सिर्फ दो लड़ाकू विमान भी एक्सप्रेस वे पर उतारे गए थे।
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