मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 के पुराने नोट को बैन करने का ऐलान किया। पीएम के इस ऐलान के बाद से कालाधन रखने वालों में हड़कंप मच गया। वे कालाधन को सफेद करने के लिए कई तरकीब निकाले। इसमें से एक तरकीब कालेधन रखने वालों ने गरीबों के जनधन खातों में पैसा डालने की निकाली। लेकिन सरकार अब ऐसे लोगों पर कारवाई करने की तैयारी कर रही है।
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वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक स्थानीय स्तर के नेता और दबंग जनधन खातों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं सीमावर्ती इलाकों और पूर्वोत्तर राज्यों में भी जनधन खातों के दुरुपयोग पर आयकर विभाग जांच कर रहा है। आरोप साबित होने पर बेनामी कानून के तहत आयकर विभाग खातों में पड़े नकदी को जब्त कर सकता है।
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सूत्रों के मुताबिक बैंककर्मियों की मिलीभगत से जनधन खाताधारकों के जानकारी मुहैया कराई जा रही है। वहीं सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कारोबारी और व्यापारी ने बड़े पैमाने पर करेंसी एक्सचेंज सुविधा का दुरूपयोग किया है। वहीं पब्लिक यूटिलिटी के तहत पुराने नोटों को स्वीकार करने की सुविधा के जरिये कालेधन को सफ़ेद बनाने का गोरखधंधा चल रहा है। इसकी सरकार लगातार समीक्षा कर रही है।