पंजाब सरकार ने सोमवार को इंडस्ट्री को दिवाली का तोहफा दिया है। कैबिनेट ने नई औद्योगिक व व्यापारिक विकास नीति को मंजूरी दे दी है। इससे इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
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सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में हुई कैबिनेट मीटिंग में एक नवंबर से इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने को मंजूरी दी। साथ ही पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम के कर्ज के एकमुश्त निपटारे को भी सहमति दी। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पुरानी इकाइयों को भी विस्तार और आधुनिकीकरण में रियायतें मुहैया कराई जाएंगी। नीति में पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम, पंजाब वित्त निगम, पंजाब एग्रो औद्योगिक निगम लिमिटेड से लिए औद्योगिक कर्ज के एकमुश्त निपटारे की भी व्यवस्था की गई है। इससे निवेश बढ़ेगा, निगमों को कोर्ट केसों से निजात मिलेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि कर्ज निपटारे को लेकर बहस में राणा गुरजीत सिंह शामिल नही हुए, क्योंकि इससे उनकी कंपनी को भी फायदा मिलेगा। नई नीति में सरहदी व कंडी इलाकों केविकास पर जोर दिया गया है। सीएम ने सरहदी इलाकों में रियायतें 125 फीसदी से बढ़ा कर 140 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा। नई नीति आठ रणनीतिक स्तंभों पर आधारित है। इनमें बुनियादी ढांचा, बिजली, एमएसएमई, स्टार्ट अप, स्किल डेवलपमेंट, व्यापार करना आसान बनाना, वित्त व गैर वित्तीय रियायतें, स्टेक होल्डर की सहभागिता और सेक्टर केंद्रित रणनीतियां शामिल हैं। एमएसएमई के विकास पर खास जोर दिया गया है। दस तकनीकी केंद्र, दस कॉमन फेसिलिटी सेंटर और दस क्लस्टर पहले चरण में स्थापित किए जाएंगे। इंडस्ट्री को जिलास्तर पर सिंगल विंडो क्लियरेंस सुविधा दी जाएगी।
मोहाली, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर में बनाए जाएंगे एग्जिबिशन, कन्वेंशन सेंटर :
14 नए औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। पहले चरण में मोहाली, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर में एग्जिबिशन व कन्वेंशन सेंटर बनाए जाएंगे। नई इंडस्ट्री को जीएसटी री-एंबर्समेंट के साथ बिजली ड्यूटी, प्रॉपर्टी टैक्स में छूट दी जाएगी। सूबे में स्टार्ट अप कल्चर केविकास को सौ करोड़ का फंड बनाया जाएगा।