PM मोदी ने औद्योगिक नगरी को स्वच्छ बनाने के लिए महापौर को दिए ये मंत्र
मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने 2013 की सौर ऊर्जा नीति में महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 100 मेगावाट के प्रोजेक्ट पर 15 से 30 हजार रुपये तक अनुदान मिलेगा और करीब 50 हजार उपभोक्ताओं को फायदा होगा। सोलर प्रोजेक्ट पर स्टांप ड्यूटी में छूट के अलावा तमाम तरह की सब्सिडी मिलेगी। सोलर पार्क की स्थापना पर भी इसेंटिव की व्यवस्था की गई है।
‘पहले आओ-पहले पाओ’ की नीति के तहत इसका लाभ मिलेगा। इससे राज्य सरकार पर 1831 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार प्रदेश में 10 हजार ‘सूर्य-मित्र’ का चयन करेगी। इन्हें सोलर सिस्टम से जुड़ा तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे एक साल में 1 करोड़ 36 लाख 70 टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन रुकेगा। यह 64200000 पेड़ों द्वारा शोषित की जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर है।
सिंह ने बताया कि सरकारी के साथ-साथ अब घरों के छतों पर सोलर रूफ टॉप लगवाने को प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार 15 हजार रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से अनुदान देगी। इंस्पेक्टर राज खत्म हो गया है और अब इसमें फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) नहीं जुड़ेगा। स्वास्थ्य महकमे ने पहल करते हुए अपने सभी जिला व महिला अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी पर सोलर रूफ टॉप लगाने की सहमति दी है। इस संबंध में जल्दी ही एमओयू होंगे।
प्रदेश में कारागारों की सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था के लिए बंदी रक्षक की अहम जिम्मेदारी होती है। प्रदेश के कारागारों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। वहीं बंदी रक्षकों की संख्या स्वीकृत पदों के मुकाबले लगभग आधी है। बंदी रक्षक के कुल 7031 पद हैं। मौजूदा समय इनमें से 3658 पदों पर कर्मचारी तैनात हैं, शेष 3373 पद रिक्त हैं। अब इन पदों को नई नियमावली के अनुसार भरा जाएगा।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि पुरानी व्यवस्था के तहत दरोगा के पचास प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरने और बाकी पचास प्रतिशत पदों में से दो तिहाई ज्येष्ठता के आधार पर प्रोन्नति से और एक तिहाई पद विभागीय परीक्षा के आधार पर भरे जाने का प्रावधान था।
इसी तरह निरीक्षक के कुल स्वीकृत पदों में से दो तिहाई पद ज्येष्ठता के आधार पर और बाकी एक तिहाई पद विभागीय परीक्षा के आधार पर भरने प्रावधान था। नई नियमावली में विभागीय परीक्षा के आधार पर प्रोन्नति के प्रावधान को सरकार ने समाप्त कर दिया है।
दरअसल पर्यटन विभाग ने सरकार को यह प्रस्ताव दिया था कि जलक्रीडा से संबंधित कई तरह के क्रियाकलापों से इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनाया जा सकता है। प्रस्ताव के आधार पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने ताल का सर्वे कराया था। लेकिन जमीन की उपलब्धता को लेकर दिक्कत आ रही थी। इसलिए सरकार ने शिक्षा विभाग को 1988-89 में आवंटित भूमि में से 5 एकड़ भूमि वॉटर कांपलेक्स व प्रेक्षागृह बनाने केलिए देने की मंजूरी दे दी है।
वाराणसी में पोत परिवहन प्राधिकरण के लिए जमीन देने पर मुहर
प्रदेश सरकार ने वाराणसी में पोत परिवहन प्राधिकरण की स्थापना के लिए सिंचाई विभाग की जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके लिए पंप नहर को हटाने से लेकर पूरे कार्य पर 4.09 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
शादी अनुदान योजना के तहत पिछड़े वर्ग के निर्धन लोगों को बेटी की शादी के लिए आर्थिक मदद देने को प्रदेश में शादी अनुदान योजना लागू है। इसके तहत पात्र लाभार्थी को दो बेटियों की शादी के लिए 20-20 हजार रुपये का अनुदान देने की व्यवस्था है।
मध्य गंगा नहर परियोजना पर 4417 करोड़ के व्यय को मंजूरी
सरकार ने मध्य गंगा नहर परियोजना पर 4417.21 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी है। परियोजना को 2021 तक पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल मध्य गंगा नहर परियोजना को 2021 तक पूरा किया जाएगा।
अमरोहा, मुरादाबाद और संभल के 146532 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए 2007 में 1060 करोड़ की प्रस्तावित लागत से मध्य गंगा नहर परियोजना शुरू की गई थी। 2016-17 तक परियोजना पर 1006.49 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। भूमि एवं एसआरओ की दर में वृद्धि के कारण परियोजना की अनुमानित लागत बढ़कर 4417.21 करोड़ रुपये हो गई है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में परियोजना की बढ़ी हुई लागत 4417 करोड़ रुपये व्यय को मंजूरी दी गई।
इस पैसे के अलावा मौजूदा वित्तीय वर्ष में साढ़े 9 करोड़ रुपये और बाकी बचे हैं। इस पैसे का भी उपयोग इसी तरह उपकरणों की खरीद के लिए किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कै बिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।