गुरुग्राम के रेयान स्कूल के सात साल के छात्र प्रद्युम्न न ठाकुर की हत्या के मामले में गुरुग्राम पुलिस की जांच की थ्योरी पलट सकती है। शुक्रवार को सीबीआई की शुरु हुई जांच में इसके संकेत मिल रहे हैं।
अभी-अभी: रेलवे का हुआ बेहद बुरा हाल: महज 10 घंटे में पलटने से बचीं तीन ट्रेनें
इस मामले की एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई की फॉरेंसिक टीम सारे सबूतों और वारदात की जगह को नए सिरे से खंगाल रही है। हालांकि सीबीआई ने गुरुग्राम पुलिस की दर्ज एफआईआर को ही अपनी एफआईआर में तब्दील किया है।
लेकिन पुलिस की अबतक की जांच और हत्या के बाद सामने आए साक्ष्यों में कई असमानताएं सामने आ रही हैं। एजेंसी ने उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि हालांक इतनी जल्दी कुछ भी ठोस नहीं कहा जा सकता। लेकिन ऐसा लगता है कि बात सिर्फ वह नहीं है जो अबतक की पुलिस जांच में उजागर हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक पहल शुबहा हत्या में इस्तेमाल किए गए चाकू पर जाता है। पुलिस के मुताबिक चाकू बस के टूल बॉक्स में था जो छह महीने से पड़ा हुआ था। हत्या का गिरफ्तार आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार चाकू को बाथरुम में धोने ले गया था।
वहीं प्रधुमन के दुष्कर्म की कोशिश के विरोध में अशोक ने उसकी हत्या कर दी। जबकि बरामद चाकू नया दिख रहा है और उसके लकड़ी के हत्थे पर कंपनी का स्टीकर तक चिपका हुआ है।
सूत्रों के मुतबिक पहले बस केड्राईवर ने बयान दिया था कि बस में टूल बॉक्स था ही नहीं। बात में पुलिस के दबाव में उसने टूल बॉक्स होने की बात स्वीकारा। सूत्रों ने बताया कि स्कूल केमाली का बयान भी काफी अहम है जिसे पुलिस और स्कूल प्रशासन ने तबज्जो नहीं दिया।
माली के बयान के मुताबिक जब प्रधुमन को बाथरुम से उठाने की कोशिश की जा रही थी तब उसने अशोक को पास लगे कूलर के पीछे के गलियारे से आते देखा था। यह गलियारा मुख्य रास्ते की विपरीत दिशा में है।
उसकी कमीज पर कोई खून का धब्बा नहीं था। जबकि पुलिस का दावा है कि अशोक ने उतनी देर में खून को साफ कर लिया होगा। गौरतलब है कि प्रधुमन हत्या केतीन मीनट पहले बाथरुम में गया था। वारदात के करीब दो से पांच मीनट बाद ही दूसरे बच्चे ने प्रधुमन को पड़ा देख इसकी जानकारी टीचर को दी।
सूत्रों के मुताबिक बाथरुम में एक बिना सलाखों की खिड़की है जिससे कोई भी आसानी से आ जा सकता है। पुलिस ने इस संभावना को ज्यादा तवज्जो नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि इस घटना को 16 दिन हो गए।
सीबीआई की फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल से कोई नया सुराग मिले इसकी संभावना बहुत कम है। सीबीआई अशोक के कपड़ों की भी फॉरेंसिक जांच कराएगी। एजेंसी केपास ऐसी तकनीक है कि अगर खून को धो भी दिया जाए तो उसकेमौजूद होने की तस्दीक कर सकता है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features