नकदी की कमी के बीच मोदी मंत्रिमंडल ने बुधवार को वेतन भुगतान कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही, अब कंपनियों तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अपने कर्मचारियों को चेक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से वेतन देने की बाध्यता हो गई। मतलब, अब छोटे संस्थानों में काम कर रहे मजदूरों को भी ई-पेमेंट या चेक से ही वेतन मिलेगा। समाचार एजेंसी (एएआई) ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शत्रु संपत्ति अधिनियम को भी कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है।
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एक सूत्र ने बताया कि वेतन भुगतान कानून, 1936 में संशोधन के संदर्भ में विधेयक 15 दिसंबर, 2016 को लोकसभा में रखा गया था। इसे अगले साल बजट सत्र में पारित कराया जा सकता है। इसलिए, दो महीने इंतजार करने के बजाए सरकार अध्यादेश ले आई।
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बाद में इसे संसद में पारित कराया जाएगा। चूंकि, अध्यादेश छह महीने के लिए ही वैध होता है। ऐसे में सरकार को छह महीने के अंदर इसे संसद में पारित कराना होगा। वेतन भुगतान (संशोधन) विधेयक 2016 में मूल कानून की धारा 6 में संशोधन का प्रस्ताव करता है ताकि एंप्लॉयर अपने कर्मचारियों को चेक या इलेक्ट्रॉनिक मोड से सीधे उसके बैंक खातों में वेतन की रकम भेज सके।