जिला मुख्यालय पर बृहस्पतिवार सुबह ठीक दस बजे भूकंप से धरती कांप उठी। खतरे का सायरन सुनकर जहां सड़कों और घरों में मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई, वहीं जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम सतर्क हो गई।

बचाव के इंतजाम करने के साथ ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। दरअसल यह सब राज्य स्तरीय मेगा मॉक ड्रील के तहत किया गया। मॉक ड्रील लघु सचिवालय, कोर्ट परिसर, मेवात मॉडल स्कूल, मेडिकल कॉलेज नल्हड़ व समान्य अस्पताल नूंह में की गई।
किसी भी प्रकार आपदा या भूकंप आने पर पुलिस-प्रशासन की तैयारियों को जांचने के लिए मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। इस दौरान पुलिस-प्रशासन व अन्य टीमों ने मिलकर विभिन्न भवनों में फंसे लोगों की जान बचाई।
उपायुक्त अशोक शर्मा व पुलिस अधीक्षक नाजनीन भसीन ने माक ड्रील की पल-पल की जानकारी ली। उपायुक्त ने स्वयं पब्लिक सिस्टम से लोगों को संदेश दिया कि सायरन बजते ही तुरंत बिल्डिंग से बाहर निकल जाएं और खुले में जाकर खड़े हो जाएं। उन्होंने ऑपरेशन सेक्शन, लॉजिस्टिक सेक्सन, प्लानिंग सेक्शन तथा लघु सचिवालय भवन स्थित सभी उपकरणों का बारीकी से जायजा लिया। एसडीएम डॉ. मनोज कुमार ने सभी टीमों को दिशा-निर्देश दिए तथा स्थिति को भांपते हुए फौरन एंबुलेंस मंगवाई।
स्वास्थ्य विभाग की सहायता से मौके पर ही कैम्प लगाकर घायलों को उपचार की सुविधा प्रदान की गई। उधर पुलिस के जवानों की सहायता से ऊंचे भवनों में फंसे लोगों को निकाला गया। बिल्डिंग के द्वितीय तथा तृतीय तल पर फंसे घायलों को नीचे उतरवाया। घायलों को प्राथमिक उपचार देकर सिविल अस्पताल रैफर किया गया। मेवात मॉडल स्कूल नूंह तथा सिविल अस्पताल में भी आपदा प्रबंधन टीमें जुटीं थी।
आपदा कभी बताकर नहीं आती। इसलिए 24 घंटे हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस प्रकार आपदाओं से निपटने की तैयारियों को जांचने के लिए ही मेगा मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। -अशोक शर्मा, उपायुक्त
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