सरकारी कॉलोनियों से बिजली बिल निकलवाना लेसा के लिए टेढ़ी खीर साबित होता रहा है। इसका तोड़ लेसा ने निकाल लिया है और इस पर शासन की स्वीकृति भी मिल गई है। एक दिसंबर से राजधानी की सरकारी कॉलोनियों में रहने वाले मंत्री-विधायक व आईएएस के यहां मैनुअल बिजली मीटर हटाकर प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए मेरठ से मीटर मंगाए गए हैं।14 नवंबर से शुरू हो रहा ट्रेड फेयर, टिकट के दाम 20 रुपये बढ़े
मेरठ से सिक्योर कंपनी के प्रीपेड मीटर की खेप इसी महीने के अंत तक आ जोगी। ये मीटर किस-किस बंगले पर लगाए जाएंगे इसकी योजना तैयार हो चुकी है। उपभोक्ताओं की सूची हुसैनगंज, राजभवन, गोमतीनगर के मुख्य अभियंताओं को सौंप दी गई है।
पहले चरण में यहां लगेंगे मीटर
कालिदास, गौमतपल्ली, विक्रमादित्य मार्ग स्थित मंत्री,आईएएस एवं पार्क रोड विधायक निवास-6, दारुलशफा विधायक निवास, ओसीआर विधायक निवास, रायल होटल विधायक निवास, बटलर पैलेस, डालीबाग कॉलोनी, गोमतीनगर और डालीबाग स्थित बहुखंडीय मंत्री आवास, सचिवालय कॉलोनी व लालबाग की कॉलोनी।
लेसा वसूलेगा लागत
राज्य संपत्ति एवं लोक निर्माण विभाग की सरकारी कॉलोनियों में प्रीपेड मीटर लगाने के एवज में लेसा उपभोक्ताओं से उसकी लागत वसूलेगा। उपभोक्ता को 6000 रुपये सिंगिल फेज मीटर और 12 हजार रुपये थ्री फेज मीटर के लिए देने होंगे। मंत्री व विधायक के बंगले के प्रीपेड मीटर की लागत लोक निर्माण विभाग चुकाएगा।
ओवर लोडिंग नहीं चलेगी
प्रीपेड मीटर लगने के बाद उपभोक्ता ओवर लोडिंग नहीं कर पाएंगे। यानी चार किलोवाट विद्युत लोड का कनेक्शन लेकर वह चाहे तो छह किलोवाट विद्युत लोड का इस्तेमाल कर लें, ऐसा नहीं हो पाएगा। 4.999 किलोवाट के बाद जैसे ही विद्युत लोड की डिमांड 5 किलोवाट होगी बिजली बंद हो जाएगी। इसके बाद उपभोक्ता को थ्री फेज कनेक्शन लेना पड़ेगा।
अस्थाई कनेक्शन पर मैनुअल मीटर
राजधानी में भवन निर्माण के जो अस्थायी बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे वहां पर प्रीपेड के बजाय मैनुअल बिजली मीटर को स्थापित किया जाएगा। इस सिलसिले में लेसा के मुख्य अभियंता (ट्रांस गोमती) आशुतोष कुमार ने बताया कि जब तक प्रीपेड बिजली मीटर की कमी है, तब तक मैनुअल मीटर लगेंगे। जब प्रीपेड मीटर की सप्लाई आ जाएगी तो अस्थाई कनेक्शन पर मैनुअल मीटर लगना बंद हो जाएगा।
विद्युत लोड की क्षमता
मीटर कीमत लोड
सिंगिल फेज 6000 4.999 किलोवाट
थ्री फेज 12,000 48 किलोवाट
इस संबंध में लेसा के मुख्य अभियंता (सिस गोमती), अशोक कुमार का कहना हैक सरकारी कार्यालय एवं कॉलोनियों के अधिकतर बिजली बिल हर महीने जमा नहीं होते हैं। सरकार ने यहां पर प्रीपेड मीटर लगाकर बिजली सप्लाई का आदेश दिया है।