बांबे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करके उस पुस्तक के आयात पर लगी रोक को हटाने की मांग की गई है जिसमें महात्मा गांधी की हत्या के पीछे बड़ी साजिश होने का आरोप लगाया गया है। यह पुस्तक पुर्तगाल में पांच दशक पहले प्रकाशित हुई थी। दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत के न्यासी और शोधकर्ता पंकज फडनीस ने पांच जनवरी को जनहित याचिका दायर कर केंद्र सरकार की 29 दिसंबर 1979 की अधिसूचना को खारिज करने की मांग की है। 

इस अधिसूचना के जरिए पुर्तगाल के लेखक लौरेस डि सडवांडोर की पुस्तक ‘हू किल्ड गांधी’ के आयात पर रोक लगा दी गई थी। जनहित याचिका के अनुसार, सरकार ने इस पुस्तक के आयात पर रोक लगाते हुए दावा किया था कि उसमें शोध स्तरीय नहीं है और वह भड़काऊ है। लेकिन याचिकाकर्ता का दावा है कि यह प्रतिबंध मनमाना और अमान्य है तथा भाषण एवं चिंतन के मौलिक अधिकार को चुनौती देता है।
फडनीस सरकार को गांधी की हत्या की फिर से जांच कराने का निर्देश दिए जाने की मांग करते हुए पिछले साल सुप्रीम कोर्ट गए थे। शीर्ष अदालत ने अदालत मित्र नियुक्त करते हुए सवाल किया था कि क्या इतने समय बाद इस मामले की फिर जांच की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी तय की थी। फडनीस ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में पुस्तक के आयात पर से रोक हटाने की मांग की है और दावा किया है इससे इस मुद्दे पर चीजें सामने आएंगी।
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