निकाय चुनाव में भाजपा पूरी ताकत झोंकने जा रही है। पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ सभी महानगरों में सभाएं करेंगे। इसकी शुरुआत अयोध्या से हो सकती है।
15 नवंबर को अयोध्या में उनकी सभा कराई जा सकती है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर का कहना है कि सभी महानगरों में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम तय किए जाएंगे। अभी इनकी तारीखें फाइनल नहीं हुई हैं।
भाजपा शहरी क्षेत्रों में पहले से मजबूत है। अब प्रदेश व केंद्र में उसकी सरकार है। ऐेसे में चुनावी नतीजे मतदाताओं के मिजाज को भांपने का पैमाना बनेंगे। इसी से 2019 की चुनावी दिशा का संकेत मिलेगा।
चूंकि सपा, बसपा और कांग्रेस अपने चुनाव चिह्नों पर अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में सभी को शहरी क्षेत्रों में अपनी ताकत का अहसास भी हो जाएगा।
2012 में सपा की सरकार बनने के बाद हुए निकाय चुनाव में भी भाजपा के 12 में से 10 महापौर विजयी रहे थे। इलाहाबाद की महापौर के भाजपा में आ जाने के बाद उसके महापौरों की संख्या 11 हो गई थी। इस बार सहारनपुर, फिरोजाबाद, मथुरा और अयोध्या भी नगर निगम बन गए हैं। ऐसे में इस बार 16 नगर निगमों में मेयर के चुनाव हो रहे हैं।
हर नगर निगम में एक मंत्री को जिम्मेदारी
भाजपा ने प्रदेश सरकार के एक-एक वरिष्ठ मंत्री को नगर निगम चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा के खास महत्व वाली अयोध्या में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना और मथुरा में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को जिम्मा सौंपा गया है।
…लेकिन अखिलेश नहीं करेंगे प्रचार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव निकाय चुनावों में प्रचार नहीं करेंगे। वह खुद इसका संकेत दे चुके हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बहुत जरूरी होने पर ही अध्यक्ष के कार्यक्रम लगाए जाएंगे।