19 सालों तक (1998 से 2017) कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रहने के बाद 71 साल की सोनिया गांधी ने पद छोड़ दिया है. 47 साल के राहुल गांधी पार्टी के नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. यानी एक गांधी के ठीक बाद दूसरे गांधी पार्टी के प्रमुख बने हैं. इससे पहले इंदिरा गांधी की मौत के ठीक बाद भी राजीव गांधी को अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन राहुल गांधी के बाद अगले अध्यक्ष ‘गांधी’ नहीं बन पाएंगे.Good News: इन शिक्षकोंं को योगी सरकार जल्द दे सकती है बड़ा तोहफा, जानिए क्या है?
जब सोनिया गांधी 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं, तब राहुल 28 साल के थे. इसी वजह से उनके ठीक बाद राहुल का अध्यक्ष बनना मुमकिन हो पाया है. लेकिन राहुल गांधी के किसी बच्चे के नहीं होने की वजह से कांग्रेस के अगले अध्यक्ष गांधी-नेहरू परिवार के कोई गांधी नहीं हो पाएंगे.
राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी अपने नाम में पति का टाइटल वाड्रा लगाती हैं. उनके बच्चे के नाम में गांधी टाइटल नहीं है. प्रियंका और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का एक बेटा रैहान और एक बेटी मिरैया है. हालांकि, एक वक्त में मीडिया में ऐसी बातें छपी थी कि प्रियंका के बच्चे को राहुल गोद ले सकते हैं और उन्हें गांधी का टाइटल देंगे. लेकिन प्रियंका गांधी ने इन बातों को खारिज करते हुए रिपोर्टों पर आपत्ति दर्ज कराई थी.
गांधी-नेहरू परिवार से राहुल 6ठे अध्यक्ष
गांधी-नेहरू परिवार से कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले राहुल 6ठे सदस्य हैं. इससे पहले मोतीलाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी इसी पद पर रहे हैं.
परिवार से अलग अगर गांधी टाइटल की बात करें तो महात्मा गांधी भी एक बार कांग्रेस अध्यक्ष (1924) बने थे. वहीं राजीव गांधी (1985-1991) के बाद पीवी नरसिम्हा राव 1992 से 96 तक और सीतारेम केसरी 1996 से 98 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. केसरी के बाद ही सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाया गया था. केसरी के अध्यक्ष पद से हटने को कांग्रेस के इतिहास में एक सबसे विवादित विदाई के तौर पर भी देखा जाता है.