नोटबंदी को लागू किए 8 नवंबर को एक साल पूरा होने जा रहा है. जैसे-जैसे ये तारीख नजदीक आ रही है, इस मुद्दे पर सियासत भी तेज होती जा रही है. Breaking: बिजली विभाग की घोर लापरवाही से 14 लोगों की दर्दनाक मौत, मचा हाहाकार!
Breaking: बिजली विभाग की घोर लापरवाही से 14 लोगों की दर्दनाक मौत, मचा हाहाकार!
कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां नोटबंदी को MMD (Modi-made disaster) बता रही हैं. वहीं केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी BJP का कहना है कि नोटबंदी के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हुए चुनाव में पार्टी को मिली भारी जीत खुद में नोटबंदी के आलोचकों को गलत साबित कर देता है.
नोटबंदी के साथ ही देश के अर्थ-तंत्र में 2000 रुपये का नया नोट भी जुड़ा. बीते एक साल में ऐसे कयास लगाए जाते रहे हैं कि 2000 रुपये का नोट लंबे समय तक प्रचलन में नहीं रहेगा.
2000 रुपये के नोट को शुरू किए जाने के एक महीने बाद ही, दिसंबर 2016 में आरएसएस के विचारक एस गुरुमूर्ति का बयान आया था कि जो लोग 2000 रुपये के नोटों की जमाखोरी करना चाहते हैं, वो पहले दो बार सोच लें क्योंकि ये नोट ज्यादा दिनों तक प्रचलन में नहीं रहने वाला है.
जुलाई, 2017 में ‘इकनॉमिक टाइम्स’में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से 2000 रुपये के नोटों की आपूर्ति नहीं किए जाने से ऐसी अटकलों को बल मिला है कि सोची समझी रणनीति के तहत 2000 रुपये के नोटों की आपूर्ति सीमित की जा रही है.
लाइवमिंट ने भी उसी वक्त एक रिपोर्ट में कहा था कि RBI ने 2000 रुपए के नोटों को छापना बंद कर दिया है और मौजूदा वित्त वर्ष में इन्हें और नहीं छापा जाएगा.
2000 रुपये के नोटों को लेकर सरकार की ओर से भी समय समय पर बयान आते रहे हैं. इसी साल अप्रैल में सरकार ने राज्य सभा में बताया था कि 2000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण की कोई योजना नहीं है.
अगस्त में वित्त मंत्री अरुण जेटली से जब सवाल किया गया कि क्या सरकार 2000 रुपये के नोटों को चरणबद्ध ढंग से प्रचलन से बाहर करने पर विचार कर रही है, तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, ऐसा कोई विचार नहीं चल रहा.’
2000 रुपये के नोट को जताई जाने वाली आशंकाओं और सरकार की ओर से लगातार उनके खंडन के बीच आरटीआई रूट के जरिए औपचारिक तौर पर वस्तुस्थिति का पता लगाने की कोशिश की गई. इंडिया टुडे नेटवर्क के RTI सेल और रिसर्च डिपार्टमेंट के हेड के नाते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से सूचना के अधिकार के तहत 2000 रुपये के नोट पर जानकारी मांगी गई. जवाब सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) से मिला जो भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है. इस कंपनी की ओर से करंसी नोटों को छापने के साथ सिक्कों को भी ढाला जाता है.
SPMCIL की ओर से मिले जवाब में कहा गया कि 2000 रुपये के करंसी नोटों को प्रिंट करने के लिए RBI की ओर से SPMCIL को कोई मांग नहीं भेजी गई है. इसमें आगे कहा गया है कि मौजूदा समय में SPMCIL सिर्फ 500 रुपए के नोट (नए) और इससे कम मूल्य के नोट प्रिंट कर रही है( लेकिन 5 रुपए और 2 रुपए के नोट नहीं).
करंसी नोटों की प्रिंटिंग के लिए सरकार की नोडल ईकाई SPMCIL फिलहाल 2000 रुपए के नोट प्रिंट नहीं कर रही है. करंसी और नोटों का नियमन करने वाले RBI ने 2000 रुपए के नोट प्रिंट नहीं करने के लिए कहा है. SPMCIL के जवाब से ये साफ नहीं हुआ कि क्या 2000 रुपए के नोट प्रिंट नहीं किए जाना अस्थाई है या स्थाई. हालांकि ये सवाल जेहन में आता है कि अगर2000 रुपए के नोटों को प्रिंट करना बंद कर दिया गया है और इससे छोटे मूल्य के नोटों को ज्यादा सर्कुलेशन में लाया जा रहा है तो ऐसी सूरत में 2000 रुपए के नोट चरणबद्ध ढंग से प्रचलन से बाहर हो सकते हैं.
बहरहाल, आरटीआई से जो जवाब मिला है उससे ये संशय दूर नहीं होता कि भारत के सबसे बड़े मूल्य वाले 2000 रुपए के नोट की उम्र कितनी है?
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