नोटबंदी के बाद से विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि पीएम ने नोटबंदी कर आम जनता को परेशान किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तो नोटबंदी को अब तक का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी दलों को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शामिल होने का न्योता भेजा है। ताकि पूरा विपक्ष मिलकर नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों खासकर नोटबंदी और सेनाध्यक्ष के नियुक्ति में संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने की मुखालफत कर सके।
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सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने इस बावत व्यक्तिगत तौर पर वाम दलों, जेडीयू, आरजेडी, जेडीएस और एनसीपी के नेताओं से बात की है। राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के लिए कई नेताओं से बातचीत की है। प्रेस कॉन्फ्रेन्स 27 दिसंबर को कॉन्स्टिच्यूशन क्लब में आयोजित किया गया है। सोनिया गांधी इस प्रेस कॉन्फ्रेन्स को संबोधित करेंगी।
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यह कार्यक्रम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में इसलिए नहीं आयोजित किया गया है क्योंकि वहां आयोजन करने से यह संदेश जा सकता था कि कार्यक्रम कांग्रेस का है। दरअसल, इस संयुक्त संवाददाता सम्मेलन का आयोजन विपक्ष की एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए किया गया है क्योंकि संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन किसानों के मुद्दे पर राहुल गांधी के अकेले प्रधानमंत्री से मुलाकात करने पर कुछ विपक्षी नेताओं ने ऐतराज जताया था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात से थोड़ी देर पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। तब एसपी, बीएसपी, एनसीपी, डीएमके, सीपीएम, सीपीआई और जेडीएस के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात से अपने को अलग कर लिया था। हालांकि, जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी और आरएसपी के सदस्यों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी।
अब एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस की पहल पर पूरा विपक्ष एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि उनकी पार्टी डैमेज कंट्रोल कर सभी विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की मुखालफत करेगी।