नई दिल्ली : 28-29 सितंबर की दरमियानी रात भारत की ओर से पीओक में एलओसी पार किया गया सर्जिकल स्ट्राइक पहली बार नहीं है।
इससे पहले भी सेना ऐसी कार्रवाई को अंजाम देती रही है और आतंकियों सहित पाकिस्तानी सेना के जवानों को निशाना बनाती रही है, लेकिन इस तरह की किसी भी जानकारी को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं किया गया। हां, यह पहली बार हुआ कि भारत ने एेसी किसी कार्रवाई की बात को स्वीकारा है।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि 2013 में नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैनिक का सिर काटने की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था।
हमारे जवान भी तीन पाकिस्तानी सैनिकों की सिर काटकर लाए थे।
पहली बार स्वीकारा
जनरल सिंह ने पद मुक्त होने से पहले स्वीकार किया कि भारतीय और चीनी सेना के सैनिकों के अपने अपने दावे वाले क्षेत्रों में गश्त के दौरान आमना सामना हो जाता है लेकिन इसका समाधान वर्तमान व्यवस्थाओं के तहत किया जाता है।
क्या बोले सिंह
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने आठ जनवरी 2013 की सिर काटने की घटना का करारा जवाब दिया, उन्होंने कहा, ऐसा किया गयाञ कृपया समझिये कि जब हम बल प्रयोग करते हैं वह रणनीति से लेकर अभियान और सामरिक स्तर तक होता है।
सैनिकों ने अपने आप लिया बदला
जनरल सिंह ने कहा, जब मैं यह उल्लेख करता हूं कि उस घटना के दौरान वह रणनीतिक स्तर पर अभियानों पर लक्षित था जिसे पूरा किया गया। मैं समझता हूं कि यह स्थानीय कमांडर द्वारा किया गया, प्रमुखों का इससे कुछ भी लेना देना नहीं था।
बीते 18 साल में 9 बार हुई सर्जिकल स्ट्राइक
जानकारी के अनुसार बीते 18 साल में कम से कम 9 बार भारतीय सेना ने एलओसी के पार जाकर ऑपरेशन्स को अंजाम दिया और पाकिस्तानी सेना को सबक सिखाया। इस दौर में भारतीय सेना की ओर से एलओसी पार करने की पहली घटना मई 1998 में हुई। वहीं 29 सितंबर के हालिया सर्जिकल स्ट्राइक से पहले आखिरी बार अगस्त 2013 में भारतीय सेना ने एलओसी को पार किया था। इन दोनों घटनाओं के बीच में भी 1999 की गर्मी, जनवरी 2000, मार्च 2000, सितंबर 2003, जून 2008, अगस्त 2011 और जनवरी 2013 में भी भारतीय सेना ने ऑपरेशन्स के लिए एलओसी पार की।