पिछले साल जुलाई में लागू किए गए जीएसटी से पहले वाले सामान को पुराने एमआरपी पर नहीं बेचा जा सकेगा. 1 अप्रैल से सभी कंपनियों को हर पैकेज्ड सामान को नये एमआरपी के स्टीकर के साथ बेचना होगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने इसकी जानकारी दी.
एक कार्यक्रम में बोलते हुए राम विलास पासवान ने कहा कि जीएसटी से पहले के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) के बूते 1 अप्रैल से जुलाई से पहले का सामान नहीं बेचा जा सकेगा.
उन्होंने साफ किया कि जीएसटी से पहले के जिन पैकेज्ड प्रोडक्ट्स पर संशोधित कीमत के स्टीकर लगे हैं, उन्हें इन स्टीकर के साथ 31 मार्च के बाद नहीं बेचा जा सकेगा. पासवान ने कहा है की इस बार यह समयसीमा 31 मार्च के आगे नहीं बढ़ाई जाएगी.
बता दें कि जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियों का जो सामान बिक नहीं पाया था, उसे संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) वाले स्टीकर के साथ सितंबर तक बेचने की इजाजत दी गई थी. बाद में इस छूट को 31 मार्च, 2018 तक बढ़ा दिया गया था.
उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि फिलहाल अगले महीने से इस छूट को बढ़ाने की कोई संभावना नहीं है. हालांकि अगर जीएसटी परिषद इसको लेकर कोई फैसला लेती है, तो ये हो सकता है. उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से जो भी पैकेज्ड सामान बिकेगा उस पर एक ही एमआरपी होगा. संशोधित एमआरपी वाला सामान स्वीकार्य नहीं होगा.
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