बड़ी खबर: Bitcoin खरीदने वालों को लगा बड़ा झटका, 4 दिन में डूबे इतने लाख रुपए!

बड़ी खबर: Bitcoin खरीदने वालों को लगा बड़ा झटका, 4 दिन में डूबे इतने लाख रुपए!

तूफानी तेजी दिखा रहे बिटक्वाइन में बड़ी गिरावट आई है. रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद यह 45 फीसदी तक लुढ़क गया है. 4 दिन पहले जिस बिटक्वाइन का भाव 13 लाख रुपए पर था, जो अब गिरकर 7 लाख रुपए पर आ गया है. सिर्फ शुक्रवार को ही इसका भाव करीब 30 प्रतिशत घट चुका है.बड़ी खबर: Bitcoin खरीदने वालों को लगा बड़ा झटका, 4 दिन में डूबे इतने लाख रुपए!चारा घोटाला: आज होगा लालू की किस्मत का फैसला, कोर्ट के बाहर जुटे समर्थक…

दरअसल बिटक्वाइन इंफ्रास्ट्रक्चर में आई दिक्कतों के चलते इसमें गिरावट आई है. माना जा रहा है कि इसकी ट्रांजैक्शन फीस काफी ज्यादा है, जिसका असर इस पर देखने को मिला है. आपको बता दें कि 2016 में बिटक्वाइन 126 फीसदी बढ़ा था. वहीं, 2017 में अब तक बिटक्वाइन के भाव 1500 फीसदी तक चढ़ चुके है.

4 दिन में डूबे 6 लाख रुपए: अगर किसी निवेशक ने 4 दिन पहले 20 हजार डॉलर यानी 13 लाख रुपए के भाव पर इसमें इन्वेस्ट किया होता तो उसके इन्वेस्टमेंट की वैल्यू गिरकर 11 हजार डॉलर यानी 7.15 लाख रुपए रह जाती है. इस हिसाल से 4 दिन में 6 लाख रुपए का घाटा होता.अगर निवेशकों ने 1 से ज्यादा  बिटक्वाइन खरीदे होंगे तो उनका घाटा भी बढ़ जाएगा.

एक दिन के कारोबार की बात करें तो बिटक्वाइन में बीते तीन महीनों में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है. एक सप्ताह के कारोबार में बिटकॉइन में 2013 के बाद से यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट हो सकती है.

आखिर क्यों आई गिरावट: क्रिप्टोकम्पेयर वेबसाइट के फाउंडर और चीफ ऐग्जिक्युटिव ने कहा, ‘साल की समाप्त के दौर में ज्यादातर इन्वेस्टर अपना मुनाफा निकालना चाहते हैं. यही वजह है कि क्रिसमस और न्यू इयर से पहले बिटकॉइन में तेज गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है. इसके अलावा माना जा रहा है कि इस वर्चुअल करेंसी को बनाना बेहद महंगा हो रहा है. इसीलिए इसमें तेज गिरावट आई है. साथ ही, इसके इंफ्रास्ट्रक्चर में आई दिक्कतें अभी तक नहीं सुलझीं है.

एक ट्रांजैक्शन में 240 किलोवॉट बिजली होती है खर्च: बिटक्वाइन के एक बार के ट्रांजैक्शन और माइनिंग (बनाने) में बिजली की बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है, क्‍योंकि एक बिटकॉइन बनाने (माइनिंग) में 25000 कम्‍प्‍यूटर की जरूरत होती है. डेनमार्क के बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक ING की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक बिटक्वाइन के प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर 240 किलोवॉट बिजली खर्च होती है. यह एक औसत परिवार के मासिक बिजली खपत के लगभग बराबर है.

बिटक्वाइन को मान्यता नहीं : भारत समेत कई देशों ने अभी तक इस वर्चुअल करेंसी को मान्यता नहीं मिली है. हाल में भारतीय सरकार बिटक्वाइन को लेकर सख्त कदम उठा रही है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 5 लाख लोगों को टैक्स नोटिस भेजने जा रहा है. लिहाजा इसे खरीदना यानी खतरा मोल लेना है.

कैसे मिलते हैं बिटक्वाइन: बिटक्वाइन एक ऐसी करेंसी है, जिसे दुनिया की सबसे महंगी करेंसी माना जाता है. ऑनलाइन गेमिंग, क्विज को सॉल्व करने पर आपको बिटक्वाइन मिलते हैं. साथ ही, पैसे देकर भी बिटक्वाइन खरीदा जा सकता है. भारत में बिटक्वाइन के ट्रांजेक्शन का प्लैटफॉर्म https://support.buysellbitco.in/support/home पर उपलब्ध है.आपको बता दें कि हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि  बिटक्वाइन को मान्यता देने का कोई इरादा नहीं है. वहीं, RBI ने भी बिटक्वाइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है.

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