वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को साफ किया कि प्रस्तावित फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इन्श्योरेंस बिल (FRDI) के नए संशोधित ड्रॉफ्ट से बैंक ग्राहकों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा बल्कि इससे बैंकों में जमा पूंजी को और सुरक्षा मिलेगी।
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बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट FRDI बिल को संसद में पेश करने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि इस बिल के पास हो जाने के बाद सरकार की बैंकों के गारंटर के तौर पर जिम्मेदारी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
अगर ये बिल पास हो गया तो सरकार एक नया रेजोल्यूशन कॉर्पोरेशन बनाएगी। इस कॉर्पोरेशन के बनने के बाद पुराना कानून पूरी तरह से निष्प्रभावी हो जाएगा, जिसके चलते अभी तक बैंकों को सरकार की तरफ से गारंटी मिली हुई थी।
नए कानून के मुताबिक बैंकों के दिवालिया होने की स्थिति में आम लोगों का एक लाख रुपये से अधिक पैसे का इस्तेमाल बैंक को फिर से खड़ा करने में लगाएगी। इतना ही नहीं आप बैंक में पड़े अपने पैसे को कितना निकाल सकते हैं यह भी सरकार ही तय करेगी।
अगर सरकार को लगा कि आपकी एक लाख से ऊपर जमा पूरी राशि को बैंकों का एनपीए कम करने में इस्तेमाल हो सकता है, तो फिर आप अपने खाते से राशि को कम से कम पांच साल के लिए निकाल नहीं पाएंगे।
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