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बीएसएफ का मुख्य काम एलओसी और अंतराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करना है। इसकी कार्रवाई बेहद तेज होती है। इस बारे में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ को लाल चौक पर तैनात किया जाएगा। यही नहीं अगर जरूरत पड़ी तो वो POK में घुसकर आतंकियों को खदेड़ेंगे।
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हिंसा से श्रीनगर के अन्य अहम इलाकों में भी विद्रोहियों को काबू करने में बीएसएफ मदद करेगी। इससे पहले साल 1991 से 2004 तक आतंकवाद रोधी अभियान के तहत कश्मीर में बीएसएफ तैनात की गई थी। स्थानीय लोगों के मन में बीएसएफ की छवि एक आक्रामक और क्रूर बल की है। बीएसएफ की तैनाती गृहमंत्री राजनाथ सिंह के कश्मीर दौरे के ठीक एक दिन पहले हुई ।
कश्मीर में जिस तरीके के हालात चल रहे हैं, उसमें सीमा पार से आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर में ट्रेनिंग लेकर भारत के अंदर घुसने की तैयारी में हैं. ऐसे में सीमा की सुरक्षा करने वाली BSF जो सीमा पर सबसे आगे रहती है, उसकी भी अपनी खास तैयारी है। ये बीएसएफ के वो खतरनाक कमांडो हैं जो दुश्मन के बगल में मौजूद रहेंगे, लेकिन उसे उसकी भनक तक नहीं लगेगी। उसकी वेशभूषा, उसके चहरे का रंग, उसकी बिजली वाली चाल। ये कमांडो आसपास के माहौल और मौसम से ऐसे घुल मिल जाते हैं कि इनको पहचानना मुश्किल हो जाता है।
जहां कश्मीर घाटी में 12 सालों बाद बीएसफ को आतंरिक सुरक्षा में कानून व्यवस्था के लिए तैनात किया, वो अब इन आतंकियो के छक्के छुड़ा देंगे। आतंकी अब पत्थरबाजों की आड़ में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने में सहमेंगे। कमांडो की ट्रेनिंग में शामिल किया गया है कि अगर आतंकी बिल्डिंग का कब्जे में ले लें तो किस तरीके से बिल्डिंग के अंदर घुसना है। इन कमांडो हर तरह के खतरों को भांपते हुए ट्रेंड किया जा रहा है। यही वजह है कि बीएसएफ ने इजराइल की तर्ज पर बॉर्डर की सुरक्षा के लिए आधुनिक हथियार तो खरीद रही है और अपने जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग देकर उनको खासतौर पर आतंक प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर कर रही है।
इन कमांडो को मार्शल आर्ट के साथ साथ दूसरे ट्रेनिंग के बाधाएं पार करने की ट्रेनिंग दी जाती है। ये सब ट्रेनिंग इन कमांडो को दी जा रही है। ग्वालियर के टेकनपुर की बीएसएफ अकादमी में। कश्मीर के अंदर जो घने जंगल है उन जंगलों में आतंकी छिपकर पाकिस्तान में बैठे हैंडलर से बात करते हैं। उनके पास धारदार हथियार होते हैं। इन हथियारों में AK 47 जैसे हथियार शामिल हैं। लश्कर आतंकी बहादुर अली जब भारत में पकड़ा गया तो उसने खुलासा किया कि वो कई दिनों तक जंगलो में छिप कर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की फिराक में था।
बीएसफ ने अपने ऐसे कमांडो टेकनपुर में तैयार किए हैं, जो जंगल के अंदर भी आतंकी को घुसकर मारते हैं। आतंकी जंगल से बचकर पानी के रास्ते भागने की कोशिश कर सकते हैं। पानी के अंदर हो या फिर जंगल सब जगह ये कमांडो बिजली की चपलता से पानी के अंदर भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। कश्मीर जैसे एरिया में तंकी नदी से निकल कर बहार भागे तो उनको कैसे घेरना है उसके लिए ये कमांडो जमीन में खिसते हुए क्रॉलिंग करते हैं और आतंकी को जमीन में खिसकते खिसकते मार गिराते हैं।
बीएसएफ के ये कमांडो जंगल के सबसे खतरनाक शिकारी मगरमच्छ से प्रेरणा लेते हैं। जिस तरह मगरमच्छ अपने शिकार के करीब आने का इंतजार करता है, जिस तरह मगरमच्छ धैर्य रखते हुए बेहद खामोश रहता है। पानी में सिर्फ आंखें नजर आती हैं। उसी तरह ये कमांडो भी भारत पाकिस्तान की सरहद पर मौजूद दलदली इलाके में चौबीसों घंटे रहते हैं। कमांडो कश्मीर के खतरे वाले इलाके में जाएंगे तो गुजरात के इस सर क्रीक इलाके में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों, अपराधियों और स्मगलरों के इंतजार में भारत की सरहद के ये प्रहरी भी हैं।