अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ौतरी करने से वैश्विक स्तर पर पीली धातु की चमक फीकी पडऩे का दवाब घरेलू बाजार भी देखा जाएगा जिससे तीन-चार महीनों में सोना 16 हजार रुपए से नीचे उतार सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि नोटबंदी के कारण घरेलू मांग पहले से ही कमजोर है और अब फेडरल रिजर्व की घोषणा से सोना पर अधिक दवाब बनेगा।

नोटबंदी के बाद हैदराबाद में लोगों ने खरीदा 2700 करोड़ का सोना
आम्रपाली आद्यया ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट के निदेशक एवं शोध प्रमुख अवनीश कुमार सुधांशु ने कहा कि फेड रिजर्व की घोषणा से पश्चिमी देशों विशेषकर अमेरिका में लोग गोल्ड ईटीएफ से निकासी कर डॉलर में निवेश करने लगे हैं जिससे पीली धातु पर दवाब बना है।
बड़ी खबर: नोटबंदी की बाद सरकार का बड़ा झटका, एक जनवरी से बंद हो जाएगी पेंशन
उन्होंने कहा कि वैवाहिक सीजन होने के बावजूद नोटबंदी के कारण घरेलू बाजार में मांग कमजोर है। उठाव नहीं होने से इस पर पहले से ही दवाब है और अब फेड रिजर्व की घोषणा का भी असर होगा और अगले कुछ सप्ताहों तक इसकी कीमतों में नरमी का रूख बना रह सकता है। अगले तीन महीनों में सोना 16,500 रुपए तक आ सकता है ।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features