चक गंजरिया स्थित कैंसर इंस्टीट्यूट को लेने के लिए एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. राकेश कपूर ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर कैंसर इंस्टीट्यूट के संचालन की इच्छा जताई है। अभी कैंसर इंस्टीट्यूट में ओपीडी सेवाएं ही दी जा रही है।
प्रो. कपूर ने बताया कि कैंसर इंस्टीट्यूट प्रदेश के लिए वरदान है। जितनी जल्दी इसका संचालन शुरू हो जाए तो मरीजों के हित में होगा। इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मिलकर इसके संचालन के लिए प्रस्ताव दिया है। जल्दी ही इसका ब्लू प्रिंट बनाकर शासन को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि कैंसर के मरीजों संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
कीमोथेरेपी से लेकर रेडियोथेरेपी के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कैंसर इंस्टीट्यूट में इलाज जल्द से जल्द शुरू होना जरूरी है। अभी केजीएमयू, डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट और एसजीपीजीआई में कैंसर का इलाज उपलब्ध है। इसके बावजूद मरीजों को लंबे इंतजार के बाद इलाज मिल रहा है। नया इंस्टीट्यूट शुरू होने से मरीजों को फायदा होगा।
25 डॉक्टरों का किया गया था चयन
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 25 डॉक्टरों की पहली टीम का चयन किया जा चुका है। अस्पताल में ओपीडी की शुरुआत केजीएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. रविकांत के नेतृत्व में की गई थी। उनके जाने के बाद कैंसर संस्थान के लिए स्थायी निदेशक की खोज शुरू की गई, जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।
कैंसर इंस्टीट़्यूट पर एक नजर
शुरुआती क्षमता 500 बेड
एक्सटेंशन के बाद 1000 बेड
लगभग 10 हजार मरीजों की सालाना ओपीडी की योजना
लगभग 10 हजार कैंसर सर्जरी की योजना
30 बेड का आईसीयू
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