उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के गठन के बाद लाखों प्रतियोगियों को जल्द ही राहत मिलेगी। आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति होने के बाद आयोग में ठप पड़ी भर्तियों को पुन: शुरू किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। तकरीबन दस माह पूरे हो गए हैं और आयोग के स्तर से अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन 1652 और प्राचार्य के 284 पदों पर भर्ती प्रक्रिया ठप पड़ी है।
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हालांकि, राहत की बात है कि आयोग के गठन के पहले ही दिन उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से अस्टिेंट प्रोफेसर के 534 नए पदों का अधियाचन भी आयोग को भेज दिया गया।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन संख्या 46 के तहत प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों पर भर्ती की जानी थी। इसके तहत तकरीबन 1150 पदों पर परीक्षा और इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी करते हुए अंतिम परिणाम भी जारी कर दिया गया था।
बाद में चयनितों को कॉलेज में ज्वाइनिंग भी मिल गई, लेकिन प्रदेश के सत्ता परिवर्तन के साथ आयोग में भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई। ऐसे में बाकी पांच सौ पदों पर भर्तियां ठप हो गईं। इससे पहले विज्ञापन संख्या 47 के तहत भी अशासकीय कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों और विज्ञापन संख्या 48 के तहत अशासकीय कॉलेजों में प्राचार्य के 284 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे।