100 दिन तक परेशान करने के बाद अब जीएसटी जनता के लिए रात की खबर लाया है। इस खबर से उत्साह का माहौल है।
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केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक के बाद नए दरों पर टैक्स वसूली का निर्णय लिया है, जिसे कारोबारी देरी से उठाया गया सही कदम बता रहे हैं। इस समय त्यौहारों का समय है, खासतौर से इसे सोने की खरीद का समय भी माना जाता है और यहां सरकार द्वारा बरती गई उदारता से सुस्त हो चले सेक्टर को तेजी मिलने की बात कही जा रही है। इसके अलावा कपड़ों से लेकर विभिन्न खाद्य पदार्थों और एक्सपोर्ट सेक्टर में भी सुधार आने की बात विशेषज्ञ बता रहे हैं।प्रमुख सेक्टर्स का विश्लेषण अपने पैनल से करवाया, इसमें जिस तरह के आकलन सामने आए, उन पर यह विशेष रिपोर्ट।
बदलाव : 2 लाख रुपये तक के मूल्यवान धातु और रत्नों के आभूषण खरीदने पर ग्राहकों को पैन नंबर नहीं बताना होगा, मनी लॉड्रिंग एक्ट में 23 अगस्त से यह सीमा 50 हजार रुपये कर दी गई थी।
बदलाव : उत्तराखंड देश के उन कुछ राज्यों में था, जहां के ट्रांसपोटर्स के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था की गई थी। फिलहाल एक नवंबर तक इसकी जरूरत नहीं होगी।
असर : प्रदेश में कारोबारियों के लिए यह एक बाधा बन रहा था, उनका तर्क था कि अभी इसके लिए पिछड़े इलाकों में बुनियादी सुविधाएं विकसित नहीं हो सकी हैं। हालांकि कंपनी सेक्रेट्री अनुज कुमार अग्रवाल का कहना है कि ई-वे बिल लागू होने से कारोबारियों और ट्रांसपोर्टर्स को कई तरह के झंझटों और भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। ट्रांसपोर्ट नगर वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दीपक अग्रवाल के मुताबिक ई-वे एक नवंबर से लागू होने जा रहा है।
नई कंपोजिशन स्कीम से 70 प्रतिशत कारोबारी फायदे में रहेंगे, रिटर्न में भी राहत