मोदी सरकार करीब 50 करोड़ देश वासियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने श्रम मंत्रालय के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिस पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह सरकार की मोदीकेयर के बाद दूसरी सबसे बड़ी योजना होगी।
किसान भी आएंगे दायरे मे
इस सामाजिक सुरक्षा कवर के दायरे में फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा किसान भी इसके दायरे में आएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय इसकी डिटेल्स को तैयार करेंगे। प्रस्ताव के लागू हो जाने के बाद कुल 40 फीसदी कमजोर आय वर्ग वालों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा।
60 फीसदी जनता को करना होगा अंशदान
इस प्रस्ताव के मुताबिक 60 फीसदी जनता जो कि निम्न आय वर्ग से ऊपर है उनको अपनी जेब से पूरा या फिर आधा अंशदान करना होगा। अभी 50 करोड़ लोग खेती से जुड़े हुए हैं, जिनके अंशदान को सरकार पूरी तरह से व्यय करेगी।
तीन चरणों में पूरा होगा कवर
सूत्रों के मुताबिक सोशल सिक्युरिटी कवर का लाभ तीन चरणों में मिलेगा। पहले चरण में गरीबों को शामिल किया जाएगा। इसके बाद के चरणों में निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को 10 साल के अंदर शामिल किया जाएगा। इस कवर के तहत लोगों को रिटायरमेंट, स्वास्थ्य, वृद्धावस्था, दिव्यांगता, बेरोजगारी और गर्भावस्था का कवर दिया जाएगा।
मोदी केयर में 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा
ओबामा केयर की तर्ज पर मोदी सरकार ने अपने आखिरी पूर्ण कालिक बजट में आयुष्मान भारत नाम की फ्लैगशिप योजना शुरू करने का एलान किया। जिसे मोदी केयर भी कहा जा रहा है। नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत भारत के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक का बीमा उपलब्ध कराया जाएगा।
इस योजना पर चर्चा करते हुए नीति आयोग ने कहा कि इसके लिए हर साल 12 हजार करोड़ का खर्च आएगा। जिसके अंतर्गत 50 करोड़ लोगों की सुरक्षा निश्चित की जाएगी।
नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एनएचपीएस) के तहत सरकार लोगों को आधार या पहचान पत्र के बिना ही योजना का लाभ देगी। मोदीकेयर का लाभ पाने के लिए लाभार्थी के पास केवल राशन कार्ड होना ही पर्याप्त माना जाएगा।
इसके अलावा वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड या फिर दूसरे सरकार द्वारा निर्धारित पहचान पत्र के जरिए भी परिवार को लाभर्थियों की सूची में डालने की अनुमति होगी।