राजधानी पुलिस की लापरवाही के चलते अपराधी तो बेखौफ हैं ही। पेशी पर लाए जाने वाले आरोपी भी मौज-मस्ती कर रहे हैं। जेल से पेशी पर आए हत्या आरोपी कमल किशोर सिंह उर्फ पप्पू ने शुक्रवार दोपहर गोमतीनगर स्थित एसआरएस शॉपिंग मॉल में पत्नी के साथ शॉपिंग की।अभी-अभी: DGP कर रहे थे बैठक की तयारी, उधर सिपाही ने लुटी लड़की की इज्जत, सदमें मे पिता की हुई मौत
घर पर दावत उड़ाई और रिश्तेदारों, दोस्तों-परिचितों को फोन करके हालचाल लिया। उसकी निगरानी की ड्यूटी पर तैनात सिपाही विवेक वर्मा भी सादे कपड़ों में घूमकर मजे लेता रहा।
सिपाही के साथ हत्या आरोपी के मौज-मस्ती की जानकारी की खबर मिलते ही पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। वजीरगंज एसओ पंकज सिंह गोमतीनगर के विपुलखंड स्थित हत्या आरोपी के घर पहुंचे और उसे पकड़कर कोतवाली ले आए।
एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। उसकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
एसओ ने बताया कि फैजाबाद के रौनाई रामनगर निवासी कमल किशोर सिंह उर्फ पप्पू यहां गोमतीनगर के विपुलखंड में किराए के मकान में रहता था।
उसके खिलाफ हजरतगंज में हत्या व लूट के दो व वजीरगंज में धोखाधड़ी का एक केस दर्ज है। पुलिस ने उसे पिछले साल गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
शुक्रवार सुबह वजीरगंज के मुकदमे में उसकी स्पेशल एसीजेएम सीबीआई एपी की कोर्ट में पेशी थी। पुलिस लाइन का सिपाही विवेक वर्मा उसे पेशी पर लेकर आया था। पेशी के बाद सिपाही को साथ लेकर वह अपने घर चला गया।
घर से पत्नी और दो साल के बेटे को लेकर वह पास ही स्थित एसआरएस मॉल पहुंचा और शॉपिंग की। इस दौरान उसकी निगरानी करने वाला सिपाही विवेक वर्मा साथ-साथ रहा। शॉपिंग के बाद पप्पू अपने घर गया और पत्नी-बच्चों के साथ दावत उड़ाई।
इस बीच शॉपिंग मॉल में किसी ने हत्या आरोपी को पहचान लिया। उसे खुलेआम घूमते देखकर पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद एसओ फोर्स लेकर गोमतीनगर पहुंच गए।
एसओ ने बताया कि गोमतीनगर पुलिस को साथ लेकर वह हत्या आरोपी के घर पहुंचे, जहां वह सिपाही के साथ मिल गया। सिपाही ने बताया कि वह पप्पू की पेशी कराकर करीब 12 बजे कोर्ट से घर ले आया था।
यहां पत्नी-बच्चों को लेकर वह शॉपिंग मॉल गया और मौज-मस्ती की। पप्पू को वापस जेल भेजकर सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है।
पेशी के दौरान बंदी को भेजना होता है लॉकअप
जेल से पेशी पर आने वाले बंदियों और कैदियों को कचहरी की लॉकअप में बंद किया जाता है। इन्हें सिर्फ पेशी के लिए ही बाहर निकाला जाता है। कोर्ट में पेशी के बाद इन्हें वापस लॉकअप भेज दिया जाता है।
सभी बंदियों-कैदियों की पेशी होने के बाद जेल की वैन से सभी को वापस जेल ले जाया जाता है। किसी भी बंदी या कैदी को पेशी के दौरान बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं होती है।
जरूरत पड़ने पर कैदी या बंदी अपने वकील के चैंबर तक ही जा सकता है। हालांकि, पेशी के दौरान आने वाले रसूखदार बंदियों-कैदियों को अक्सर पुलिसकर्मी घुमाने-फिराने के लिए ले जाते रहे हैं। कई माफिया डॉन तो पेशी के बहाने अपने घर आते-जाते रहते हैं।