चीन-भारत सीमा से सटे अरुणाचल के हिस्से को चीन अपना दक्षिणी हिस्सा मानता है और तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के आगामी अरुणाचल दौरे को लेकर उसने भारत को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। चीनी मीडिया ने सोमवार को भारत पर आरोप लगाया कि दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते आर्थिक व राजनीतिक प्रभाव से निपटने के लिए भारत दलाई लामा कार्ड का उपयोग कर रहा है।
साथ ही भारत को चेताया कि यदि अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की मेजबानी भारत करता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। चीन के ग्लोबाल टाइम्स ने कहा कि चीन की आपत्ति के बावजूद, आगामी सप्ताह में चीन-भारत सीमा पर विवादित क्षेत्र में भारत दलाई लामा का स्वागत करेगा। दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश दौरे को भारत से मिली अनुमति के लिए चीनी विदेश मंत्रालय ने आलोचना की क्योंकि चीन अरुणाचल के हिस्से को दक्षिणी चीन का हिस्सा बताता है। इस बात की अनुमति गत अक्टूबर माह में दी गई है और आगामी सप्ताहों में दलाईलामा के दौरे की संभावना है।भारतीय अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों के अनुसार, दलाई लामा का यह धार्मिक दौरा है और इस तरह के कई दौरे पहले भी हो चुके हैं। इन बयानों पर चीनी मीडिया का कहना है कि इसके गंभीर परिणाम से भारत अंजान है। चीन का कहना है, ‘इन भारतीय अधिकारियों को या तो दलाई लामा के दौरे से होने वाले परिणामों का पता नहीं है या फिर वे इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।‘ चीनी मीडिया में छपी खबर में कहा गया है, ‘14वें दलाई लामा कहीं से भी आध्यात्मिक गुरु नहीं है बल्कि ये तिब्बती अलगाववादी हैं।
और विवादित क्षेत्र में दलाई लामा के दौरे को अनुुमति मिलने से टकराव की स्थिति पैदा होगी, क्षेत्र में अस्थिरता आएगा और चीन-भारत के रिश्ते में भी खटास पैदा होगी।‘ चीनी मीडिया के अनुसार, लंबे समय से कुछ भारतीय दलाई लामा को रणनीतिक संपत्ति के तौर पर आंकते हैं। वे मानते हैं कि भारत दलाई के मामले का उपयोग कर भारत काफी फायदे उठा सकता है।