मोदी सरकार ने नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं। इस दिशा में एक और कदम बढ़ने जा रहा है। इसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर चार्ज पर छूट की तैयारी की है। सरकार के इस फैसले के पीछे छोटे दुकानदारों को डिजिटल लेने-देने में बढ़ावा देना अहम है। अगर इस फैसले पर मुहर लग जाती है तो डेबिट कार्ड से पेमेंट लगने वाला व्यक्ति को अतिरिक्त चार्ज से राहत मिल जाएगी। यानी डेबिट कार्ड से किसी भी तरह की खरीद-बिक्री पर लगने वाला एक्स्ट्रा चार्ज कम हो जाएगा।
फिलहाल ये है व्यवस्था
वर्तमान में दो हजार रुपये के लेन-देन में 0.75 फीसदी का एमडीआर लगता है। वहीं दो हजार से ऊपर की खरीद पर एक फीसदी का एमडीआर लगता है। क्रेडिट कार्ड पर एमडीआर की कोई सीमा आरबीआई की ओर से नहीं लगाई गई है। 31 मार्च तक आरबीआई ने कार्ड पेमेंट पर एमडीआर की दरें तय रखी हैं।
एक अप्रैल से होगा बदलाव, लोगों से मांगी राय
एक अप्रैल 2017 से एमडीआर की दरों में जरुरी बदलाव होगा। आरबीआई के सर्कुलर ड्राफ्ट में तय किया गया चार्ज एक अप्रैल से प्रभावी होगा। इसी को लेकर आरबीआई ने लोगों से राय मांगी है।
वर्तमान में पेमेंट के मद्देनजर एमडीआर रेट तय किया गया है लेकिन अब आरबीआई की योजना है कि पेमेंट कहां और किसके लिए किया जा रहा है इसके आधार पर एमडीआर चार्ज तय किया जाए।
चार श्रेणियों में बांटा एमडीआर चार्ज
रिजर्व बैंक ने एमडीआर चार्ज के पेमेंट को चार श्रेणियों में बांटा है। इस फैसले के तहत डिजिटल पेमेंट बढ़ाने के लिए दुकानदारों को दुकानों में ‘सर्विस टैक्स पेमेंट ग्राहक को नहीं करना है’ का बोर्ड लगाना होगा।