भगवान शिव की आराधना करना बहुत ही सरल होता है और ये जल्द ही प्रसन्न हो जाते है, ये बहुत ही भोले है। इसलिए इन्हे हम भोले बाबा भी कहते है। शिव जी हिन्दू धर्म में त्रिदेवों में से एक माने जाते हैं। हिन्दू मान्यतानुसार भगवान शिव कष्टो से मुक्त करने वाले माने जाते हैं। भगवान शिव की भक्ति करना बहुत ही आसान होता है। भगवान शिव जी के विषय में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां शिव पुराण में दी गई हैं। हिन्दू धर्म में शिवजी को मानने वाले भक्तों के संप्रदाय को हम शैव कहते हैं। भगवान शिव का यह सरल मंत्र जिसका हर कोई जाप कर सकता है। “ऊँ नम: शिवाय” यह षडक्षर मंत्र सभी दुख कष्टों को दूर करने वाला मंत्र माना गया है।
‘ऊँ’ जो भगवान शिव का एकाक्षर मंत्र हैं।
‘नम: शिवाय’ भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र है।
शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव के दो विवाह हुए थे। दोनों ही बार उनका विवाह भगवती के अवतारों से हुआ। पहला विवाह राजा दक्ष की पुत्री सती के साथ और दूसरा विवाह हिमालय पुत्री देवी पार्वती के साथ। शिवजी के दो पुत्र माने गए हैं कार्तिकेय और भगवान गणेश। कई जगह शिवांशों मानिए शिव के अंशों का वर्णन किया गया जिनमें अंधक नामक शिवांश सबसे प्रमुख हैं।
शिवलिंग – विश्व कल्याण के लिए भगवान शिव संसार में शिवलिंग के रूप में विद्यमान हैं। कहा जाता है कि शिवलिंग में साक्षात भगवान शिव स्वंय वास करते हैं। भारत में कई जगह शिवलिंग पाए जाते हैं, इनमें से बारह ज्योतिर्लिंग हैं जैसे काशी विश्वनाथ, रामेश्वरम ,ओमकाल, महाकाल आदि। भगवान शिव के आभूषणों में रुद्राक्ष का अहम महत्त्व है। मान्यता है कि त्रिपुरासुर नामक राक्षस के वध के बाद भगवान शिव के नेत्रों से गिरे अश्रु बिन्दुओं से वृक्ष उत्पन्न हुआ और वह रुद्राक्ष के नाम से प्रसिद्ध हुआ ।
भस्म – भगवान भोलेनाथ भस्म में रमते हैं। मान्यता है कि शिवजी की पूजा भस्म के बिना पूर्ण नहीं होती।
बेलपत्र – भगवान शंकर का एक नाम भोलेनाथ भी है क्योंकि वह बहुत जल्दी किसी की भी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। उनकी पूजा में छत्तीस भोग नहीं लगते वह तो मात्र भांग, धतूरे और बेलपत्र के चढ़ावे से प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान भोले नाथ की महिमा का कोई पार नहीं वे भक्तों की पुकार सुनते है और उन्हे कष्टों से मुक्त करते है।