कोलकता: भारतीय जनता पार्टी बीजेपी द्वारा West Bengal में प्रस्तावित रथ यात्रा को Calcutta High Court ने मंजूरी दे दी है। गणतंत्र बचाओ यात्रा को मंजूरी मिलने से राज्य की ममता सरकार को बड़ा झटका माना जा रहा है। राज्य सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगडऩे का हवाला देकर रथयात्रा को मंजूरी देने से इनकार किया था।
रथयात्रा रोके जाने पर ममता सरकार पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जमकर निशाना साधा था और खुद मोर्चे पर जुट गए थे। कोर्ट ने कहा कि रथ यात्रा से होने वाला खतरा काल्पनिक आधार पर नहीं हो सकता। साथ ही यह निर्देश दिया कि प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में कहीं भी कानून और व्यवस्था का कोई उल्लंघन न हो।
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहाए हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और हमें न्यायपालिका पर भरोसा था कि हमें न्याय मिलेगा। यह निर्णय निरंकुशता के मुंह पर तमाचा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी सिलसिलेवार कई ट्वीट कर फैसले का स्वागत किया। पश्चिम बंगाल सरकार ने हाई कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द में खलल पडऩे का अंदेशा जताने वाली खुफिया रिपोर्ट के कारण इजाजत नहीं।
इस पर बीजेपी के वकील एसके कपूर ने दलील दी कि इसके लिए ममता सरकार की ओर से इजाजत देने से इनकार करना पूर्व निर्धारित था और इसका कोई आधार नहीं था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में महात्मा गांधी ने दांडी मार्च किया और किसी ने उन्हें नहीं रोका लेकिन अब यहां सरकार कहती है कि वह एक राजनीतिक रैली निकालने की इजाजत नहीं देगी।
बीजेपी ने याचिका के जरिए अपनी रैली को इजाजत देने से इनकार करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार के कदम को चुनौती दी थी। कपूर ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार ने अपने दावे के समर्थन में कोई वस्तुनिष्ठ तथ्य नहीं रखा है और वह रैली करने से एक राजनीतिक दल को रोक रही हैं जबकि संविधान यह अधिकार देता है। महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को एक सीलबंद रिपोर्ट सौंपी और कहा कि बीजेपी की विवरणिका में यात्रा को प्रकाशित करना सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील प्रकृति का है।