लोकसभा सदस्य और भाजपा नेता वरुण गांधी ने ट्विटर पर भारतीय नागरिकों पर रौब जमाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को वह कानूनी नोटिस सार्वजनिक करना चाहिए जो उनके ट्वीट्स की वजह से उसे कानूनी एजेंसियों ने भेजा है। वरुण गांधी ने एक ईमेल का स्क्रीनशाट भी ट्वीट किया जो उन्हें ट्विटर से प्राप्त हुई थी। इसमें उन्हें सूचित किया गया था कि उनके अकाउंट के संबंध में भारतीय कानूनी एजेंसियों से उसे अनुरोध प्राप्त हुआ है। भाजपा नेता ने कहा कि ईमेल में दावा किया गया है कि उनके अकाउंट ने कानूनों का उल्लंघन किया था।
उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने कहा, ‘मैंने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। मेरे ट्वीट में कुछ भी आपत्तिजनक चीजें नहीं थीं और ट्विटर को इस मेल के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए कि यह किस आधार पर भेजा गया है।’ उन्होंने कहा कि उनके ट्वीट में कोई भी भड़काऊ चीज नहीं थी। उन्होंने नोटिस को लेकर कहा कि ट्विटर को इस मेल के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए कि यह किस आधार पर भेजा गया है। हालांकि, उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया कि यह नोटिस उन्हें किस ट्वीट के लिए भेजा गया। ट्विटर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत करता है, लेकिन व्यवहार में विफल रहता है। उनके व्यवहार से अचंभित हूं।
Twitter advocates for free expression, but fails in deed. I am certain I have violated no law and that no law agency would have found anything offensive in my tweets. @Twitter should clarify their basis for such correspondence. Shocked by their behaviour. pic.twitter.com/0EjZSj2f9e
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 24, 2021
बता दें कि पिछले कुछ समय से माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच नए आइटी नियमों समेत कई मुद्दों पर तकरार जारी है। हाल ही में ट्विटर पर बड़ी कार्रवाई हुई और उसने इंटरमीडियरी प्लेटफार्म का दर्जा खो दिया। इसी महीने की शुरुआत में इसे नए आइटी नियमों का तुरंत पालन करने का नोटिस भेजा गया था। ऐसा नहीं करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हुई। यह दर्जा खत्म होने के बाद कंटेंट को लेकर शिकायत मिलने पर ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।