भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज ने उस टीम का नाम बताया, जिसका वनडे सीरीज में पलड़ा रहेगा भारी

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के बाद पांच मैचों की टी20 सीरीज काफी रोमांचक रही, जिसे भारतीय टीम ने 3-2 के अंतर से जीता। सीरीज में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले, जब पहला मैच जीतने के बाद इंग्लैंड ने दूसरा मैच गंवाया और फिर तीसरा मैच जीतकर चौथा मैच गंवाया, जबकि आखिर मैच में भी मेहमान टीम को करारी हार झेलनी पड़ा। अब लय भारतीय टीम के साथ है। ऐसे में तीन मैचों की वनडे सीरीज से पहले भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने बताया है कि किस टीम का पलड़ा वनडे सीरीज में भारी रहेगा।

बिहार क्रिकेट लीग (बीसीएल) में अंगिका एवेंजर टीम के मेंटर के रूप में पटना आए भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने जागरण के साथ बातचीत में कहा कि टी20 सीरीज में विराट कोहली की फॉर्म की वापसी बेहद जरूरी थी। इसका असर आइपीएल ही नहीं, बल्कि टी20 विश्व कप पर भी दिखेगा। विराट कोहली ने टी20 सीरीज के फाइनल समेत पूरी सीरीज में तीन अर्धशतक जड़ते हुए कुल 231 रन बनाए। यहां तक कि वे पहले मैच में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए थे। इसके बाद उन्होंने लय पकड़ी और दमदार पारियां खेलते हुए भारत को मैच जिताए।

क्रिकेट में बढ़ रही स्लेजिंग के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि क्रिकेटर मर्यादा के दायरे में रहकर कोई काम करें तो बेहतर होगा। 1996 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में आमिर सोहेल ने मेरी गेंद पर पहले चौका जड़ा। फिर अगली गेंद को भी उसी जगह मारने के लिए इशारा किया। बगैर स्लेजिंग किए मैंने इसका बदला अगली गेंद पर उन्हें बोल्ड कर लिया। ऐसा अब बहुत कम देखने को मिलता है।

टी-20 टीम में तीन विकेटकीपर रिषभ पंत, केएल राहुल और इशान किशन की मौजूदगी को सही ठहराते हुए प्रसाद ने कहा कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। पंत बल्लेबाजी के साथ बढ़िया विकेटकीपिंग कर रहे हैं। राहुल किस स्तर के बल्लेबाज हैं। यह सभी को मालूम है। उम्मीद है वह जल्द फॉर्म में लौटेंगे। इशान बढ़िया बल्लेबाज के साथ अच्छे फील्डर भी हैं। विराट उनका इस्तेमाल इसी तरह करेंगे। हालांकि, मेरा मानना है कि वह विकेटकीपिंग में अपना सौ प्रतिशत दे सकते हैं। पांच साल पूर्व मैंने ही कप्तान के रूप में उनका चयन अंडर-19 विश्व कप के लिए किया था। उस टीम में रिषभ पंत, सरफराज जैसे क्रिकेटर भी थे। इशान अच्छे विकेटकीपर भी हैं। इस बार आइपीएल में उन्हें कीपिंग की काबिलियत दिखाने का मौका जरूर मिलेगा।

कर्नाटक, तमिलनाडु, मुंबई, रांची और अब बिहार में क्रिकेट लीग के आयोजन पर प्रसाद ने कहा कि इस तरह की स्टेट लीग आइपीएल की देन है। बीसीएल से अगले पांच सालों में पांच से ज्यादा क्रिकेटर आइपीएल और भारतीय टीम में खेलते नजर आएंगे। बिहार में प्रतिभावान क्रिकेटरों की कमी नहीं है। आज से 30 साल पूर्व 1991 में रोजर बिन्नी की कप्तानी में कर्नाटक टीम के साथ मैं जमशेदपुर (उस समय बिहार) खेलने आया था। उस मैच में हरी गिडवानी, सबा करीम की बल्लेबाजी और सुब्रतो बनर्जी ने गेंदबाजी से मेरी टीम को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। प्रतिभा बिहार में उस समय भी थी और विभाजन के बाद भी है। बस उन्हें बीसीएल जैसे बड़े मंच पर प्रदर्शन दिखाने की जरूरत है।

 

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