भारतीय नौसेना के एक पूर्व कमांडर अभिलाष टॉमी ने गोल्डन ग्लोब रेस जीतकर दूसरा स्थान किया हासिल

भारतीय नौसेना के एक पूर्व कमांडर अभिलाष टॉमी ने गोल्डन ग्लोब रेस जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया। ये दुनिया की सबसे कठिन सोलो नॉन-स्टॉप रेसों में से एक मानी जाती है। अभिलाष ने आज यानि 29 अप्रैल को फ्रांस के लेस सेबल्स डी ओलोंने में अपनी ये रेस पूरी की। बता दें कि पहले स्थान पर दक्षिण अफ्रीका के नाविक कर्स्टन न्यूसचफर रहे।

पांच साल के बाद जीती ये रेस

वैसे ये पहला मौका नहीं है जब अभिलाष इस रेस में हिस्सा ले रहे है। इससे पहले वर्ष 2018 में भी उन्होंने गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा लिया था, जो उनके लिए काफी खतरनाक साबित हुआ था। उस समय लगभग अभिलाष मौत के मुंह में चले गए थे। उन्हें कुछ ऐसी चोट लगी थी जो उन्हें लकवा का शिकार बना सकती थी। सेवानिवृत्त नौसेना कमांडर अभिलाष ने 22 मार्च, 2022 को गोल्डन ग्लोब रेस 2022 में हिस्सा लेने की घोषणा की थी। बता दें कि ये रेस 4 सितंबर, 2022 को शुरू हुआ था, जो आज जाकर खत्म हुआ है। रेस में हिस्सा लेने की घोषणा करते हुए अभिलाष ने कहा, ‘मैं बयानात पर गोल्डन ग्लोब रेस 2022 में भाग लूंगा। यह मेरे लिए एक बड़ी बात है और इसका कारण है यह। 18 सितंबर 2018 को, मैं दक्षिण हिंद महासागर में रेस लगा रहा था जब हम एक असामान्य तूफान में फंस गए थे। इसमें तीन नावों में से दो नाव तूफान के बीच में आ गए थे। इन दो नावों में से एक नाव मेरी थी।’ जानकारी के मुताबिक उनकी नाव ‘थुरिया’ 2018 में एक भयानक तूफान में पलट गई थी। अभिलाष नाव से 30 फीट नीचे डेक पर गिर गए थे, जिससे उनकी पीठ पर गंभीर चोट लग गई थी। उनकी जान को भी खतरा था। उनकी नौका ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच आधे रास्ते में फंस गया था।

83 दिनों तक समुद्र में थे फंसे

83 दिनों तक समुद्र में फंसे रहने के बाद अभिलाष को बचाया गया था। उन्हें एक भारतीय नौसेना पोत में शिफ्ट किया गया था और भारत आने के दो दिन बाद, उनकी रीढ़ में टाइटेनियम की छड़ें डाली गईं और 5 कशेरुकाओं को एक में जोड़ दिया गया। भारतीय नौसेना के अनुसार, कमांडर टॉमी संदेशों के माध्यम से फ्रांस में रेस कंट्रोल के साथ संपर्क में थे, जो जेआरसीसी ऑस्ट्रेलिया को संदेश भेज रहा था।
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