नई दिल्ली : उरी हमले के बाद चीन ने सोचा कि भारत का पूरा ध्यान पाकिस्तान पर है तो चलो थोड़ा कब्जा कर लिया जाए। लेकिन उसे क्या पता था कि भारतीय सेना ये हाल करेगी।

आतंकवाद के मसले पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की फजीहत के बाद, पड़ोसी मुल्क चीन के भी तेवर बदले-बदले नज़र आ रहे हैं। पाकिस्तान को खुल कर समर्थन देने वाले चीन ने भारत का ध्यान पाकिस्तान से हटाने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया।
चीनी सेना ने अरुणाचल में की घुसपैठ
पाकिस्तानी आतंकियों का उरी में सेना पर हमला करने का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना की घुसपैठ की घटना सामने आई है। खबर के मुताबिक 9 सितंबर को चीनी सैनिक भारत की सीमा में न सिर्फ घुस आए थे बल्कि उन्होंने 45 किलोमीटर अंदर आकर प्लम इलाके में कैंप भी बना लिए थे। जिसके चार दिन बाद यानी 13 सितंबर को भारतीय सेना और आईटीबीपी ने इलाके में जॉइंट पेट्रोलिंग के दौरान उन्हें वहां से वापस खदेड़ दिया।
पहली बार नहीं की चीन ने ये करतूत
ऐसा पहली बार नहीं है जब चीनी सेना के द्वारा ऐसी हरकत की गई हो। इस संबंध में इंडिया टुडे ने खबर छापी है जिसमें उच्च स्तरीय सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल चांगलांग जिले से 94 किलोमीटर दूर है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सीमा पर स्थित हदीग्रह पास इलाके से घुसपैठ करके वहां से 45 किलोमीटर अंदर प्रवेश किया। चीनी सेना प्लम इलाके तक पहुंच गए और यहां अस्थाई कैंप का निर्माण किया।
हुई थी बैठक
भारतीय सीमा में घुसपैठ और तनाव को रोकने के लिए 14 सितंबर को भारतीय सेना और पीएलए की फ्लैग मीटिंग रखी गई थी। ये बैठक चीन में हुई थी। सूत्रों ने बताया कि 1 अक्टूबर को एक और बैठक बुलाई गई है।
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