भारतीय Stock Market ने फिर दिखाई अपनी ताकत

दुनिया के दस सबसे बड़े इक्विटी बाजारों में भारत का शेयर बाजार मार्च में सबसे ज्यादा बढ़ा। डॉलर के संदर्भ में बात करें तो इसने 9.4 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। लगातार पांच महीनों की गिरावट के बाद यह चार सालों में सबसे मजबूत रैली है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण फरवरी के अंत में लगभग 4.39 ट्रिलियन डॉलर था, जो अब बढ़कर लगभग 4.8 ट्रिलियन डॉलर हो गया।

मई 2021 के बाद यह सबसे बड़ी मासिक उछाल है। सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में जहां भारत ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं जर्मनी 5.64 प्रतिशत की वृद्धि और 2.81 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के बाजार पूंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर रहा। जापान और हांगकांग के शेयर बाजारों में क्रमश: 4.9 प्रतिशत और चार प्रतिशत की वृद्धि हुई।

इन देशों के शेयर बाजारों में भी आई तेजी
फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा के शेयर बाजारों में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई। इसके विपरीत, दुनिया के सबसे बड़े इक्विटी बाजार अमेरिका में 3.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि सऊदी अरब के बाजार में 4.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। मार्च में भारतीय इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में 5-5 प्रतिशत की तेजी आई, जबकि व्यापक बीएसई मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में क्रमश: 8.4 प्रतिशत और 9.8 प्रतिशत की तेज बढ़त दर्ज की गई।

आरबीआई द्वारा जल्द ही ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 2025 में दो बार ब्याज दरों में कटौती के संकेत ने भी निवेशकों की धारणा में सुधार किया है।

रेपो रेट में एक और कटौती कर सकता है आरबीआई
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआइ के मध्यम अवधि के लक्ष्य चार प्रतिशत से नीचे रही है। इससे इन उम्मीदों को बल मिला है कि केंद्रीय बैंक अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में एक और कटौती का एलान कर सकता है। विश्लेषकों को आरबीआइ से सिस्टम में नकदी बढ़ाने के उपायों के एलान की भी उम्मीद है।

केंद्रीय बैंक ने पहले ही रेपो नीलामी और खुले बाजार परिचालन जैसे विभिन्न कदमों के माध्यम से बैंकिंग प्रणाली में लगभग तीन लाख करोड़ रुपये डाले हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में तेजी के बाद थोड़े समय के लिए निवेश करने वाले निवेशक मुनाफावसूली कर सकते हैं, जबकि दीर्घकालिक निवेशकों को बाजार में बने रहना चाहिए। इसके पीछे उनका तर्क है कि अगर कारपोरेट आय मजबूत बनी रहती है तो आगे और तेजी की संभावना है।

स्टॉक मार्केट के लिए सबसे बुरा दौर बीत चुका है: रामदेव अग्रवाल
सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों के दो महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन और सह-संस्थापक रामदेव अग्रवाल ने कहा कि अब स्टाक मार्केट के लिए सबसे बुरा दौर बीत चुका है और अच्छे दिन वापस आ गए हैं। अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में आए सुधार के बाद, शेयर बाजार आखिरकार स्थिर हो रहा है और सुधार और वृद्धि के दौर के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि सकारात्मक वैश्विक और घरेलू कारणों के चलते भारतीय शेयर बाजार में तेज उछाल देखा गया। पिछले एक सप्ताह में निफ्टी और सेंसेक्स में पांच प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई है। हालिया तेजी में मिडकैप और स्मालकैप शेयरों का सबसे ज्यादा योगदान रहा।

ब्रोकरेज फर्म ने सुझाव दिया कि निवेशकों को अगले छह महीनों में चरणबद्ध तरीके से मिड और स्मालकैप शेयरों में निवेश करते हुए एकमुश्त निवेश के माध्यम से लार्ज-कैप और हाइब्रिड फंड में निवेश करना जारी रखना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि खपत को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से आर्थिक विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com