29 नवंबर को पाकिस्तान के मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल राहील शरीफ रिटायर होने वाले हैं। उनके बाद 550,000 की संख्या वाली आर्मी के इस पद पर कौन नियुक्त किया जाएगा, इस पर भारत सहित दुनिया के कई देशों की नज़र है। पाकिस्तान में नया सेनाध्यक्ष नियुक्त करने समय भारत, चीन और अमेरिका में ध्यान में जरूर रखा जाता है।
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भारत इसलिए, क्योंकि नया सेना प्रमुख कश्मीर मामले पर क्या विचार रखता है, इसका असर पाकिस्तान की आतंरिक राजनीति तथा विदेश नीति पर पड़ता है। वहीं चीन से समन्वय बनाए रखने के लिए, सैन्य सहयोग तथा मदद बढ़ाने का काम भी कुछ हद तक सेना प्रमुख के कंधों पर रहता है।
वहीं, अमेरिका से रक्षा तथा आतंकवाद से लड़ने के नाम पर मिलने वाली आर्थिक सहायता में भी सेना प्रमुख का किरदार बेहद अहम है।
सबसे ज्यादा सेनाध्यक्ष नियुक्त करने वाले पीएम
जनरल राहील शरीफ, नवाज शरीफ द्वारा नियुक्त किए गए पांचवे सेना प्रमुख हैं। इस बार शरीफ छठवीं बार सेनाध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे।
इससे पहले वो 1991 में जनरल असिफ नवाज जंजुआ, 1993 में जनरल वहीद काकर, 1998 में जरनल परवेज मुशर्रफ, 1999 में जियाउद्दीन बट और 2013 में जनरल राहील शरीफ की नियुक्ति कर चुके हैं।
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कौन हैं रेस में
नवाज शरीफ के नजदीकी सहयोगियों और वरिष्ठ सेनाधिकारियों का मानना है कि सेनाध्यक्ष पद के लिए मुख्य रूप से चार दावेदार मैदान में हैं। इनमें लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल रामदे को वजीर-ए-आजम की पसंद माना जा रहा है।
इन्होंने स्वात घाटी से पाकिस्तानी तालिबानी आतंकियों को भगाने की कार्रवाई का नेतृत्व किया था।
अन्य दावेदारों में जनरल स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जुबैर हयात, मुल्तान में कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल इश्फाक नदीम अहमद और सेना के प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन इकाई के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा शामिल हैं।
यदि नवाज शरीफ अपनी मर्जी से नया सेनाध्यक्ष नियुक्त करने में कामयाब हो जाते हैं, तो वह अपने उस प्रभाव को वापस पाने में सफल हो सकते हैं, जो उन्हें 2013 में सत्ता में आने के बाद छोड़ना पड़ा था। जनरल राहील शरीफ के कार्यकाल में उनका प्रभाव लगातार कमजोर हुआ है, जिसे पाने के लिए वे कोशिश कर सकते हैं। लेकिन क्या जनरल शरीफ प्रधानमंत्री शरीफ को इस रास्ते आसानी से गुजर जाने देंगे।
वरिष्ठता के मुताबिक पहला नाम लेफ्टिनेंट जनरल ज़ुबैर महमूद हयात का है जो फिलहाल सैन्य मुख्यालय में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ पद पर हैं। इसके बाद दूसरा नाम लेफ्टिनेंट जनरल अशफाक नदीम अहमद का है जो मुल्तान के कोर कमांडर हैं और इससे पहले चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रह चुके हैं। उन्होंने स्वात और उत्तरी वज़ीरिस्तान में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई की है।
यह भी जरूरी नहीं पाकिस्तानी सेना का नया प्रमुख उन्हीं में से कोई हो। नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया भी बहुत स्पष्ट नहीं है।
इसके बाद सैन्य और नागरिक खुफिया एजेंसियों से इन नामों की साख के बारे में रिपोर्ट तलब की जाती है। यह प्रधानमंत्री पर निर्भर करता है कि वह रिटायर होने वाले सेना प्रमुख से उनके उत्तराधिकारी के बारे में राय मांगें।
ऐसी है सीनियरिटी लिस्ट
- चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल जुबेर हयात
- लेफ्टिनेंट जनरल सैयद वाजिद हुसैन
- लेफ्टिनेंट जनरल नजीबुल्ला खान
- कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल इश्फाक नदीम अहमद
- कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल रामदे
- कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जावेद बाजवा
क्या राहील शरीफ चुपचाप रिटायर हो जाएंगे
जनरल राहील शरीफ ने कहा है कि अपने कार्यकाल की समाप्ति पर वे सेवानिवृत्त हो जाएंगे। लेकिन, पाकिस्तानी मीडिया और कुछ सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सेनाध्यक्ष निर्धारित सेवाकाल के बाद भी अपनी कुछ या पूरी ताकत बरकरार रखने की कोशिश कर सकते हैं।
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अछूता नहीं रहेगा भारत
पड़ोसी पाकिस्तान में जो कुछ भी होगा, उसका थोड़ा-बहुत तो भारत पर असर पड़ेगा ही। भारत कभी नहीं चाहता कि पाकिस्तान के साथ जंग हो। भारत का केवल इतना ही कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद पर रोक लगाए।