पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब हुआ है। अमेरिका ने पाकिस्तान को लेकर एक बहुत ही बड़ा खुलासा किया है। जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ तालिबानी आतंकियों और हक्कानी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है। ये खुलासा यूएस लॉ मेकर्स ने किया है। इस खुलासे में ये भी बताया है कि दरसअल, भारत और अफगानिस्तान के बीच बहुत ही बेतहर संबंध हैं। लेकिन, भारत और अफगानिस्तान के ये बेहतर संबंधन कभी भी पाकिस्तान को रास नहीं आते हैं। वो भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान से भी दुश्मनी पाल कर बैठा हुआ है और इसी के चलते पाक फौज और पाक सरकार लगातार इन दोनों देशों के खिलाफ आतंकियों का इस्तेमाल करते रहते हैं।यूएस लॉ मेकर्स का कहना है कि पाकिस्तान हर चीज को हिंदुस्तान के खिलाफ लड़ाई के नजरिए से ही देखता है। इसी के चलते दोनों देशों के संबंध ना तो बेहतर हो पा रहे हैं और ना ही कभी भविष्य में बेहतर होने की उम्मीद है। इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस पॉलिसी सेंटर, रैंड कॉरपोरेशन के डायरेक्टर सेथ जोंस का कहना है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और जम्मू-कश्मीर में अपनी विदेश नीति के टारगेट्स को आगे बढ़ाने के लिए एक बार फिर से आतंकियों को सपोर्ट करना शुुरु कर दिया है। इसमें कहा गया है कि वो तालिबानी आतंकियों और हक्कानी नेटवर्क के लोगों का पूरा सपोर्ट कर रहा है। वो इन आतंकियों का इस्तेमाल भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ करता है।
इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस पॉलिसी सेंटर, रैंड कॉरपोरेशन के डायरेक्टर सेथ जोंस ने अभी पिछले हफ्ते ही कांग्रेस हियरिंग में ये कहा था कि ये एक तरह का प्रॉक्सी वार यानी छद्म युद्ध है। इसके साथ ही कुछ और अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति के तहत ही काम कर रहा है और उसकी विदेशी नीति का मतलब हर चीज को भारत से युद्ध के तौर पर देखना है। अमेरिकी एक्सपर्ट का कहना है कि ये बात बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अफगानिस्तान में हिंदुस्तान से लड़ने के इरादे से पाकिस्तान से ही निकले इन जेहादी ग्रुप्स की वापसी हो गई है। जबकि इसमें कई संगठन ऐसे हैं जो पाकिस्तान पर ही हमला कर चुके हैं। फिर भी वो भारत के खिलाफ इनकी मदद कर रहा है।
अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक पाक सरकार और मिलेट्री इंटेलीजेंस इन आतंकियों के ग्रुप्स की गिरफ्त में रहेंगे हालात नहीं सुधर सकते। इन लोगों ने साफ तौर पर अमेरिकी सरकार से ये मांग की है कि ऐसे देशों को कतई पैसा ना भेजा जाए जो आतंकियों का खात्मा नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं। पिछले कुछ साल के दौरान अमेरिका पाकिस्तान को करीब 33 बिलियन डॉलर यानी 2 लाख करोड़ रुपए दे चुका है। इसमें ज्यादातर मदद सैन्य क्षेत्र के लिए दी गई। जिसमें पाक सरकार को हक्कानी नेटवर्क का खात्मा करना होता है। लेकिन, पाक सरकार अमेरिका का ये पैसा भी हजम कर जाती है और आतंकियों का खात्मा भी नहीं करती। उल्टे उन्हें संरक्षण अलग से दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि ऐसे में अमेरिका पाक सरकार के खिलाफ कारवाई कर सकता है।