उड़ी में भारतीय सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले पर चीन ने ‘हैरानी’ जताई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कू कैंग ने सोमवार को कहा, ‘हम कश्मीर के हालात को लेकर बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित हैं।’
एक असामान्य प्रतिक्रिया में चीनी सरकार के एक्सपर्ट हू शिशेंग ने द टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि वे उड़ी अटैक को इस नजरिए से देखते हैं कि पाकिस्तान आतंकी समूहों को काबू करने में अपनी क्षमता खो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन इस मामले को पाकिस्तान के सामने उठाएगा। हालांकि, एक्सपर्ट ने यह भी कहा कि चीन सरकार को भरोसा नहीं कि पाकिस्तानी सेना इस हमले के लिए जिम्मेदार है।
चीन की सरकारी संस्था साउथ एशियन एंड साउथ ईस्ट एशियन स्टडीज के डायरेक्टर हू ने कहा, ‘चीन भले ही सार्वजनिक तौर पर न सही, लेकिन निजी तौर पर इस मुद्दे पर पाकिस्तान से चर्चा करेगा। यह बेहद चिंताजनक बात है।’ हू के मुताबिक, चीनी पीएम इस साल पाकिस्तान जाने वाले हैं और चीन क्षेत्र में बढ़ते टकराव को लेकर चिंतित है क्योंकि इससे 46 बिलियन डॉलर लागत वाले चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर असर पड़ेगा।
हू ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को काबू करने में नाकाम रहा है और यह भारत और चीन, दोनों के लिए ही चिंता की बात है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में न जाने कितने आतंकी समूह हैं। यहां तक कि चीन को भी कई बार शिन्जियांग सीमा पर आतंकियों पर लगाम कसने के मुद्दे पर पाकिस्तान से मनमुताबिक सहयोग नहीं मिलता।’
भारत की ओर से किसी किस्म की जवाबी प्रतिक्रिया की संभावना पर चीन के रुख के बारे में पूछे जाने पर हू ने कहा कि वे चाहते हैं कि दोनों देश शांति से समस्या का हल निकालें। उनके मुताबिक, ‘ये आतंकी हैं जो चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच टकराव बढ़े।’