हाल के घटनाक्रमों के बीच नेपाल ने भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय क्षेत्र में हो रहे तटबंध निर्माण कार्यों पर आपत्ति जताई है। साथ ही दूसरी बार नो मेंस लैंड का हवाला देकर ढाका के बलुआ गुआबारी में जारी तटबंध निर्माण पर रोक लगा दी है। इस मामले में स्थानीय स्तर पर हल करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद जिला प्रशासन ने बिहार सरकार व केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है। साथ ही नेपाल स्थित भारतीय दूतावास को भी जानकारी दी गई है।
पैमाइश कराकर विवाद समाप्त करने की पहल
इस बीच सूचना है कि उच्चस्तरीय स्तर वार्ता के बाद दोनों देश के अधिकारियों की सहमति पर यहां की पैमाइश कराकर विवाद समाप्त करने की पहल जारी है। आपदा विभाग के अपर समाहर्ता अनिल कुमार ने कहा कि नेपाल की ओर से 500 मीटर पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। तटबंध निर्माण का अधिकतम कार्य पूरा हो चुका है। गार्डर पीङ्क्षचग व तटबंध पर सड़क का निर्माण कराना शेष है। भारतीय क्षेत्र में देहरादून से पैमाइश करने के लिए अनुरोध पत्र भी भेजा गया है। भारतीय दूतावास से बात कर तिथि तय कर पैमाइश कराई जाएगी।
पिछले साल भी रोका था काम
बलुआ गुआबारी में लालबकेया नदी पर तटबंध का निर्माण कराया जा रहा था। पिछले साल भी नेपाल ने रोक लगाई थी। हालांकि, दोनों देशों की सहमति के बाद कार्य प्रारंभ हो गया था। इस बीच फिर नेपाल ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। नेपाल से निकली नदी बलुआ गुआबारी में आकर लालबकेया नदी में मिलती है। इस कारण यहां बाढ़ के समय तबाही मचती है। 2017 में आई बाढ़ के बाद यहां तटबंध निर्माण को लेकर पहल की गई थी। पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि सीमा के समीप भारतीय क्षेत्र में तटबंध निर्माण पर नेपाल की ओर से रोक लगाई गई है। इस बाबत राज्य व केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है। दोनों देश के अधिकारियों के बीच बातचीत कर उक्त स्थल की पैमाइश कराकर मामला को जल्द हल कर लिया जाएगा।
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