भारत ने निकाली ड्रैगन की हेकड़ी, क्यों परेशान हो रहा चीन?

चीन ने भारत से आयात बढ़ाने की बात तकरीबन छह वर्षों बाद फिर कही है। चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश है, लेकिन व्यापार घाटा लगातार चीन के पक्ष में बढ़ता जा रहा है।

ऐसे में चीन की तरफ से दिया गया यह आश्वासन महत्वपूर्ण है। चीन के नई दिल्ली स्थित राजदूत शु फीहोंग ने चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल को दिए गए साक्षात्कार में यह बात कही है।

चीनी कंपनियों के लिए उपलब्ध कराएं समान अवसर
भारत और चीन के कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक अप्रैल को चीन के समाचार पत्र में दिए साक्षात्कार में फीहोंग ने भारत सरकार से यह भी कहा कि चीन की कंपनियों के लिए भारत में समान अवसर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों की वकालत करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के साथ ही एशिया और पूरी दुनिया को फायदा होगा।

चीन रहा भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार
फीहोंग ने कहा,

2024 में चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार रहा। दोनों देशों के बीच 131.48 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि पहली बार इस अवधि में कारोबारी घाटा 100 अरब डालर को पार कर गया है। यह कारोबारी घाटा चीन के पक्ष में है।

कारोबारी मुद्दों पर वर्ष 2019 के बाद नहीं हुई है वार्ता
पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि भारत से चीन को होने वाला निर्यात लगातार कम हो रहा है। भारत का व्यापार घाटा घटाने का एकमात्र तरीका यह है कि भारत से चीन को होने वाला निर्यात भी बढ़े। समस्या यह है कि भारत और चीन के बीच कारोबारी मुद्दों को सुलझाने के लिए वर्ष 2019 के बाद से कोई विमर्श नहीं हुआ है।
मार्च, 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था जिसका सबसे ज्यादा बुरा असर भारत से चीन को होने वाले निर्यात पर हुआ है।
2019 में चीन ने भारत से चावल आयात करना शुरू किया था, इससे वर्ष 2020 में भारत का निर्यात 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़ कर 20.87 अरब डालर का हो गया था, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा घटते हुए 16.65 अरब डॉलर रह गया। अक्टूबर, 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई मुलाकात में सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर विमर्श की सहमति बनी थी।
उसके बाद विदेश मंत्रियों के स्तर पर दो बार, विदेश सचिव स्तर पर एक बार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर एक बार बैठक हुई है, लेकिन दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों या वित्त मंत्रियों के बीच अभी तक किसी बैठक बात सामने नहीं आई है।
अब देखना होगा कि राजदूत फीहोंग ने भारत से आयात बढ़ाने की जो बात कही है, उसे अमली जामा पहनाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com