इमरान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत में दोनों ही रचनात्मक और अर्थपूर्ण वार्ता का भरोसा दिया है। पाकिस्तान की राजधानी में बसे इस्लामाबाद क्लब सभी विदेशी राजनयिकों का पसंदीदा बैठक स्थल है। भारत सरकार लगातार पाकिस्तान सरकार के सामने राजनयिकों को क्लब की सदस्यता देने का मुद्दा उठाती रही है।
सरकार का कहना है कि भारतीय राजनयिकों को सदस्यता ना देना प्रतिकूल वातावरण में उनके खिलाफ भेदभाव है। पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों की सदस्यता को इसलिए ब्लॉ़क कर दिया था क्योंकि वह दिल्ली गोल्फ क्लब और जिमखाना में, उन्हीं दरों पर अपने राजनयिकों के लिए उसी तरह की सुविधाएं चाहता है। भारत ने हालांकि कहा था कि यह दोनों ही निजी क्लब है जिनका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
माना जा रहा है कि राजनयिकों को लेकर दोनों ही देश जल्द अपने मुद्दों को सुलझा लेंगे। पाकिस्तान में चुनाव के बाद से ही दोनों ने राजनयिकों के शोषण को न्यूनतम कर दिया है। इस साल दोनों ने 1992 के कोड ऑफ कंडक्ट को रीवाइव किया था ताकि राजनयिकों को शोषण या धमकी का सामना ना करना पड़े। राजनयिक मामले को सुलझाने नई सरकार के लिए द्वीपक्षीय संबंधों की पहली चुनौती है।
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